मंडला 6 नवंबर 2024
प्रशासक वन स्टॉप सेंटर मंडला ने बताया कि सेमरखापा जिला मण्डला में मड़ई मेला के आयोजन में जिला कार्यक्रम अधिकारी शालिनी तिवारी महिला एवं बाल विकास के निर्देशान में वन स्टॉप सेंटर (सखी) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकने हेतु प्रचार प्रसार किया गया। जिसमें वन स्टॉप सेंटर मण्डला प्रशासक मधुलिका उपाध्याय द्वारा आस-पास से आये हुये लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम अंतर्गत बाल विवाह से जुड़ी सामाजिक कुरीतियों और उनके उम्र के पहले विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह बाल विवाह माना जाता है। जिसमें जेल एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट में कड़ी कार्यवाही भी की जाती है। इस प्रकार अधिनियम के तहत दोषी पाये जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति जो विवाह समारोह में शामिल होते हैं या सहयोग करते हैं। सभी के लिये उचित दण्ड का प्रावधान है, जिसमें माता-पिता के अलावा पुजारी, मौलवी, रिश्तेदार, बिचौलिये, केटरिंग, टेंट, नाई, ब्यूटी पार्लर, विवाह आयोजक, बैंड, प्रिंटिंग प्रेस वाले भी शामिल हो सकते हैं। बाल विवाह में पकड़े गये दोषियों को 2 वर्ष का कारावास एवं एक लाख तक का जुर्माना या दोनों सजायें हो सकती हैं। उक्त अभियान अंतर्गत तुलसी विवाह के पश्चात बड़ी संख्या में शादियाँ आरम्भ हो जाती हैं। इसलिये पहले से ही अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना अति आवश्यक है। साथ ही वन स्टॉप सेंटर एवं हब में दी जाने वाली सहायताओं के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर वन स्टॉप सेंटर के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।