मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, भोपाल पांच मामलों में संज्ञान जिनमे दो मामले मंडला के

 

रेवांचल टाईम्स – मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्‍यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्‍टया मानव अधिकार उल्लंघन के ” पांच मामलों में” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।जिसमे 2 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।

मण्डला -जिले के 2 मामले जो समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।

वर्षों से नहीं बना राशन कार्ड, कई बार दे चुके हैं आवेदन

मंडला जिले के ग्राम पंचायत गुरार की ग्रामीण महिलाएं जिला योजना भवन पहुंची और राशन कार्ड नही बनने को लेकर जनसुनवाई में अपर कलेक्टर को आवेदन दिया। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि लगभग 10-15 सालों से राशन कार्ड की समस्या से दर-दर भटक रही हैं। अनेक बार पंचायत में भी आवेदन दें चुकी है लेकिन निराकरण नहीं हो पाया है। महिलाओं का कहना है कि इस ओर पंचायत सचिव का भी कोई ध्यान नहीं है। गांव में ऐसी अनेक महिलाएं हैं जिनका राशन कार्ड नहीं बना है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

एक साल से ट्रांसफार्मर खराब, ग्रामीण परेशान

मंडला जिले के ग्राम अमदरा में एक साल से ट्रांसफार्मर खराब है। यहां दूसरे ट्रांसफार्मर से पूरे गांव को पिछले सप्लाई होने के कारण लोड बढ़ गया है। जिससे आये दिन फॉल्ट की समस्या से बिजली सप्लाई प्रभावित हो रही है। यहां ग्रामीणों ने मांग की है कि नया ट्रांसफार्मर लगाया जाए। बताया गया है कि ग्राम अमदरा में एक ट्रांसफार्मर पिछले एक साल से खराब है। यहां बिजली सप्लाई बंद होने के बाद दूसरे ट्रांसफार्मर से पूरे गांव की है, सप्लाई जोड़ दी गई है। जिससे ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ गया है। ट्रांसफार्मर की क्षमता से अधिक सप्लाई होने के कारण कई समस्याएं बन रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कार्यपालन यंत्री म.प्र. पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कं. लि., मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

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