कोटवार सरकार के आदेशों का पालन करने कलेक्टर को जनसुनवाई में दिये आवेदन,सौपे ज्ञापन…

 

रेवांचल टाईम्स – मंडला आजाद कोटवार कर्मचारी संघ मंडला के आवाहन पर मंगलवार को जिले भर के कोटवार जनसुनवाई पहुंचकर 2007 ,2023 और समय-समय पर शासन के द्वारा जारी आदेशों का पालन करने को लेकर आवेदन प्रस्तुत किए हैं । इसके ठीक बाद वन ग्रामों के कोटवारों के हित में जारी आदेशों का पालन करने वन मंडल अधिकारी कार्यालय पहुंचकर आवेदन प्रस्तुत किया गया है। इसके बाद गोंडी पब्लिक ट्रस्ट में पत्रकार वार्ता कर शासन प्रशासन के द्वारा किए जा रहे भेदभाव को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के समक्ष बात रखी गई।3:00 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचकर मध्य प्रदेश शासन के नाम ज्ञापन भी सौपा गया है।
जिला मीडिया प्रभारी कुंवर दास धार्वैया के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अध्यक्ष रंजीत पड़वार, जिला उपाध्यक्ष शंकर दास पड़वार,सचिव मनोज झरिया,जिला संगठन मंत्री कुंवर दास धार्वैया ने बताया है,कि मध्य प्रदेश शासन के द्वारा 22 जून 2007 को सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी करते हुए उनको दी मालगुजारों और शासन के द्वारा दी हुई खिदमती भूमि की गुण दोष के आधार पर जांच कर मालिकाना हक दिये जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं ।बावजूद इसके सत्रह वर्ष बीत जाने पर भी जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।और तो और इन भूमियों को शासकीय मद में दर्ज करने के निंदनीय कृत्य भी प्रशासन के द्वारा किया जाने लगा है।जबकि मालगुजारों और तत्कालीन सरकारों के द्वारा उनकी सेवा के बदले बंजर और अनुपजाऊ पड़ी भूमि को कोटवारों को दी गई थी जिनमें मेहनत और खून पसीने बहाकर उपजाऊ भूमि बनाई गई है।जिसको देखकर अब सरकार की नजर पलट सी रही है।इसी तरह एक साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा घोषणा की गई है, कोटवारों का मानदेय दोगुना कर हर वर्ष पांच सौ रुपए मानदेय में जोड़े जाएंगे। सेवामुक्त होने पर एक लाख रुपए एकमुश्त दिये जाएंगे।मंडला जिले के तीन तहसीलों बिछिया, घुघरी और नैनपुर को छोड़कर बाकी तहसीलों के कोटवारों को इस आदेश का फायदा अभी तक नहीं दिया जा रहा है।आगे यह भी बताया गया है,कि वनग्रामों में सेवा देने वाले कोटवारों को इस आदेश का फायदा भी देना शुरू नहीं किया गया है।जिससे कोटवारों के परिवारों में बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।और इस तरह कोटवार ठगा ,छला हताश ,निराश और परेशान होकर आक्रोश भी पनपता जा रहा है। मांग की गई है, शासन के द्वारा समय-समय पर जारी आदेश निर्देशों का पालन शीघ्र किया जाए और कोटवारों के हक में उनके नियमित रोजगार को लेकर सरकार शीघ्र निर्णय ले अन्यथा की स्थिति में फिर से प्रदेश स्तरीय उग्र धरना प्रदर्शन के लिए कोटवारों को बाध्य होना पड़ेगा । इस दौरान आजाद कोटवार कर्मचारी संघ के मार्गदर्शक पी. डी. खैरवार, समाजसेवी चंद्रगुप्त नामदेव,सहजान सिंह परस्ते,डी. डी. कुमरे,डी. एस. वरकड़े ने भी जायज मांग का समर्थन हमेशा की तरह किया है।
ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष रंजीत पड़वार ,जिला उपाध्यक्ष शंकर दास पड़वार, जिला संगठन मंत्री कुंवर दास धार्वैया ,कोषाध्यक्ष धीरज बैरागी, सचिव मनोज झरिया, गोविंद दास पड़वार ,दीपक दास ,गोवर्धन दास, रविदास, सरजू दास, आशाराम, राधेश्याम डेहरिया, राकेश कुमार,खिल्लो बाई, चंद्रमणि, रामप्यारी, सुनीता, श्यामकली, सुहागवती, सोना बाई,चंदन दास पड़वार,ध्यान दास, रामदास, देवदास, अमृतलाल डेहरिया कुंवर दास सार्वां, रमेश दास, प्रीतम दास बैरागी, ईश्वर दास बैरागी, बबीता बाई सहित जिले भर के कोटवार बड़ी संख्या में शामिल रहे।

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