सहायक आयुक्त का हमराह होस्टल अधीक्षक आदिवासी बच्चो से लगवा रहा झाड़ू पोछा और मंजवा रहा बर्तन, सोशल मीडिया में फोटो हो रहा वायरल…

 

रेवांचल टाइम्स – मंडला, जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी जनजाति कार्य विकास मंडला के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला का नाम जुड़ जाए समझ जाओ मंडला का विकास हुआ की स्वयं शुक्ला जी का! पूर्व में भी जिले में रहे पदस्थ तब इनके कारनामें आज कोई से भी छुपे नही है अनेकों कार्यो इनके नाम का शोरगुल जोर शोर से डिंडौरी से लेकर मंडला जनचर्चा का विषय बना हुआ हैं ! डिंडौरी जिले के साथ साथ वर्तमान प्रभारी मंडला में आमद होते ही भ्रष्टाचार की आंधी चल रही है ! धड़ा-धड़ स्थानांतरण अटैच मेंट संलग्नीकरण नियम विरुद्ध औऱ तो औऱ दो जिलों का प्रभार होने के चलते डिंडौरी जिले में पदस्थ शिक्षक को मंडला में अटैच तक किये जाने की जनचर्चा शिक्षा विभाग में बनी हुई हैं और छात्रावासों में भवन निर्माण, मरम्मत कार्यों का स्टीमेट बनाये जा रहें है और तेजी से तिजोरी भरने की आंधी चल पड़ी ! बड़े -बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्हा !


वही बड़े पूरे मंडला जिला में नाम डंका बज रहा छोटे मियां क्यों पीछे रहे ऐसा ही मामला विकासखंड बीजाडांडी का सामने आया है जहां पर होस्टल अधीक्षक जो कि सहायक आयुक्त सन्तोष शुक्ला के कृपा पात्र है और जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत जूनियर आदिवासी बालक आश्रम बीजाडांडी अधीक्षक अमर सिंह परस्ते द्वारा सरकार के मापदंडो को दर किनारे कर नन्हे बच्चो का शोषण किया जा रहा है ! चीख चीख बोलती तस्वीर बच्चो के सांथ हो रही जातीय बयां कर रही है ! छायाचित्र में दिख रहा हैं, आश्रम में पढ़ाई के समय बच्चो से मजदूर तरह काम कराया जा रहा !
आदिवासी समाज के मजदूरी खेती करने वाले अपने बच्चो का भविष्य सवारने के सांथ बड़े-बड़े सपने अपने अंदर रख आश्रम में दाखिला कराते है !
वही होस्टल अधीक्षक आदिवासी बच्चो के माता पिता के सपनो में पानी फेरते नजर आ रहा है ! इस आश्रम के बच्चो के भविष्य के सांथ खुल्ल्म खुल्ला खिलवाड़ हो रहा है सूत्र बताते है बालक आश्रम 50 सीटर है दर्ज संख्या भी 50 है आश्रम में कभी पूरे बच्चे नहीं मिलेंगे कभी 18 कभी 20 रहते है ! ओर उपस्थ्ति 50 की रहती जिसे स्पष्ट है की सरकार का पैसा में डांका डाला जा रहा है जो जाँच का भी विषय है बताया गया बच्चो को मीनू के आधार पर खाना नहीं दिया सुबह दाल चांवल रात सब्जी चांवल रोटी यदि सुबह की दाल भी बची है तो शाम के खाने में परोस दिया जाता है यह भी बताया गया की जब से नए आयुक्त सर मंडला आये है तब से शाम को आश्रम नहीं रहते घर चले जाते ओर सुबह 11-12 बजे आश्रम आते है!चर्चा का बाजार बहुत जमकर गर्म है मंडला आयुक्त संतोष बहुत खास है जब आये मानो इनके दिन फिर गए है पुराना ढर्रा देखने मिलने लगा आयुक्त ओर अधीछक पर यह गाना बिलकुल सटीक बैठ रहे है यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी नोनिहालो के भरोसे चल रहे है जिले के आदिवासी होस्टल छात्रावास औऱ जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी की चल रही मौज….

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