पुरानी पेंशन के लिए हजारों कर्मचारियों ने जंतर मंतर दिल्ली मै किया आंदोलन जिले से पहुचे सैकड़ो कर्मचारी

 

रेवांचल टाईम्स – ऑल इंडिया एन.पी.एस. एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल के नेतृत्व मै 17 नवंबर 2024 को दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन का किया मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम नरेश दंडोतिया एवं संघ के जनक सिंह रावत ने बताया कि पुरानी पेंशन के लिए प्रदेश एवं देश के हजारों कर्मचारी जंतर मंतर दिल्ली पर पहुचे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल ने कहा नई पेंशन स्कीम और अभी घोषित यू.पी.एस. मंजूर नहीं है कर्मचारियों को केवल पुरानी पेंशन ही चाहिए आज मंच से ऐलान किया गया कि 5 महीने का समय माननीय प्रधानमंत्री जी को देते हैं कर्मचारियों की आत्मा पुरानी पेंशन को बहाल करें अन्यथा आने वाले समय में देश का कर्मचारी संसद भवन का घेराव करेंगे उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह,प्रदीप सरल एवं रेलवे से आए कर्मचारी संगठन के नेताओं ने भी अपने विचार रखे मध्य प्रदेश के कर्मचारी नेता रामनरेश दंडोतिया और जनक सिंह रावत के नेतृत्व में जिले से सैकड़ो कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन जय घोष आंदोलन में अपनी सहभागिता की और सरकार से पुरानी पेंशन की मांग की गई जनक सिंह रावत द्वारा कहा गया कि पहले कर्मचारियों को ठगने के लिए एन.पी.एस. लागू की गई जिसमें कर्मचारियों का 10% अंशदान और वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा 14% अंशदान दिया जा रहा है वह स्कीम न्यू पेंशन स्कीम नहीं अपने मित्रों को लाभ देने वाली पेंशन स्कीम थी क्योंकि जो कर्मचारी और सरकार का अंशदान जाता है वह शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है इसका कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे थे अब सरकार द्वारा एक नई स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यू.पी.एस. )लागू की गई है यह तो एन.पी.एस. से भी ज्यादा खतरनाक है एन.पी. एस.स्कीम में 60% राशि कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर मिल जाती थी लेकिन यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यू.पी.एस.) में तो मात्र कुछ महीनों की राशि ही मिलेगी इसी क्रम में रामनरेश दंडोतिया द्वारा कहा गया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम मै कर्मचारियों का अंशदान 10% होगा एवं सरकार का अंशदान 18.5% होगा कुल मिलाकर 28.5% अंशदान को शेयर मार्केट के हवाले कर दिया हैं जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति होगा तब उसको यह राशि नहीं मिलेगी मात्र कुछ माह की राशि मिलेगी बाकी सारी राशि सरकार या प्राइवेट कंपनियों के हाथों में होगी फिर स्कीम से कर्मचारियों और सरकार को क्या फायदा यह स्कीम केवल और केवल अपने मित्रों को फायदा देने के लिए बनाई गई है।

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