महात्मा गांधी स्टेडियम की दुर्दशा: का ज़िम्मेदार कौन, प्रशासन की लापरवाही खिलाड़ियों पर भारी

रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले का एकमात्र नगर के अंदर खिलाड़ियों के लिये खेल मैदान, महात्मा गांधी स्टेडियम, प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का शिकार है। जहाँ पर लाखों खर्च के बाद भी ज़िम्मेदारो की अनदेखी के चलते आज यह कि हालत बद से बत्तर होते जा रही है, और यह मैदान जिले के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन वर्तमान में इसकी हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। लाखों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जो खिलाड़ियों के उत्साह और प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

 

स्टेडियम में साफ पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। खिलाड़ियों और आगंतुकों को साफ पानी के बजाय गंदगी और बदबू का सामना करना पड़ता है। खेल आयोजनों और अन्य कार्यक्रमों के लिए मंच जैसी बुनियादी सुविधा का भी अभाव है। इसके अलावा, मैदान की सफाई और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे स्टेडियम की उपयोगिता लगातार घटती जा रही है।

खिलाड़ियों ने प्रशासन के समक्ष कई बार अपनी समस्याएं रखीं, लेकिन उनकी शिकायतों पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। प्रशासन की इस लापरवाही ने खिलाड़ियों को हतोत्साहित कर दिया है और उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय लोग और खिलाड़ी अब इस दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और स्टेडियम की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो खिलाड़ियों और नागरिकों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ सकता है।

महात्मा गांधी स्टेडियम का यह हाल न केवल प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है, बल्कि खेल और खिलाड़ियों के प्रति उसकी उदासीनता को भी उजागर करता है। मंडला के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को अब एक जवाबदेह और संवेदनशील प्रशासन की आवश्यकता है, जो उनकी समस्याओं का समाधान कर सके।

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