ज़िले के रजिस्ट्री कार्यालय में मन मर्जी माफ़िक हो रही हैं अबैध रजिस्ट्री करने के आरोप…

दूसरी पत्नि को पुत्री बताकर करायी गई रजिस्ट्री,
कर्ज अदा करने व फौती कटवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप
महिलाओं से अंगूठा लगवाकर भूमि की हुईं रजिस्ट्री…

रेवांचल टाइम्स – मण्डला, आदिवासी ज़िले में दिन वि दिन सरकारी दफतरों में सालो से बरगद की जड़ जमाये बैठे अधिकारी कर्मचारी भय मुक्त भ्रष्टाचार और पद का दुरूपयोग करते नज़र आ रहें और रिश्वत खोरी के चलते सभी नियमों को ताक में रख कर हर वह काम कर रहें जो अबैध हो बस ज़िम्मेदारो की जेब गर्म करो और अबेध को बैध करो न फिर कोई देखने वाला न ही कोई टोकने वाला इस ज़िले हर वह कार्य हो रहा है जिसे नियम क़ानून में अबेध कहा जाता है,


और ज़िले के रजिस्ट्री कार्यालय में दना दन बिना देखे बिना सुने बिना समझें रजिस्ट्री जारी और तो और बंटन की भूमि सरकारी भूमि सब की रजिस्ट्री बड़ी आसानी हो रही और इन दिनों तो अबेध कही जाने वाली कॉलोनियों की भी बिना माप दण्ड की रजिस्ट्री हो रही है रजिस्ट्रार साब केवल ये देखते की जो कार्य कर रहे उसमें चढ़ावा कितना चढ़ाया हैं चढ़वा चढ़ते ही सब काम बैध हो रहें हैं,


वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूमि के क्रय विक्रय मामले में रजिस्ट्रार ऑफिस के अधिकारी सजग रहते हैं कि कोई फर्जीवाड़ा ना हो। वैंसे तो माना जाता है कि यहॉ गलतियॉ नहीं होती, किन्तु एक मामला जिले के निवास रजिस्ट्रार ऑफिस का प्रकाश में आया है। यहॉ कालपी भैंसवाही की 90 वर्षीय बुध्दो बाई गौंड़ एवं इनकी दो पुत्री रनिया बाई व सुमंत्री बाई गौंड़ के द्वारा कलेक्टर को शिकायत करते हुए बताया गया कि दिनांक 14.09.2024 को मिहीलाल गौंड़ की मृत्यु हो गई है जिससे अब मृतक की भूमि खसरा नं.182 रकबा 0.2100, खसरा नं.155 रकबा 1.1800, खसरा नं.357 रकबा 0.0900, खसरा नं.447 रकबा 0.5000 हेक्टेयर के हकदार पत्नि बुध्दो बाई एवं इनकी दो पुत्री हैं। बताया गया कि, सहकारी बैंक में मृतक का 63 हजार रूपये कर्ज था जिसे अदा करने की बात नगरार पौंडी बीजाडांडी निवासी रिटायर्ड टीचर मयूर सिंह गोठरिया द्वारा कही गई थी। इसके एवज में मृतक के दामाद मंगल सिंह, मयूर सिंह गोठरिया के घर काम करता था। इसी दौरान दिनांक 24.10.2024 को रिटायर्ड टीचर ने फौती कटवाने एवं कर्ज अदा करने के नाम पर उपरोक्त लोगों को निवास बुलाया और उक्त खसरे की भूमि को 03 लाख 25 हजार रूपये में अपने पुत्र कुलदीप गोठरिया आयु 34 वर्ष एवं अपनी दूसरी पत्नि सविता गोठरिया आयु 29 वर्ष के नाम विक्रयनामा की रजिस्ट्री करा ली गई है। रजिस्ट्री पत्र के अनुसार पत्नि सविता (29 वर्षीय) को पुत्री बताकर रजिस्ट्री करायी गई है। तीनों विक्रेता एवं एक गवाह मंगल सिंह निरक्षर एवं अनपढ़ हैं। अब ये अपने आप को ढगा हुआ महसूस करते हुए अनेक जिम्मेदारों से शिकायत कर रहे हैं। मामले का खुलासा तहसील न्यायालय निवास में उक्त भूमि के प्रमाणीकरण के दौरान हुआ। मिली जानकारी के अनुसार क्रेता एवं विक्रेता दोनों पक्ष आदिवासी समाज के हैं और क्रेता पक्ष ने इसाई धर्म अपना लिया है। शिकायत पत्र में उक्त रजिस्ट्री को निरस्त करने एवं दोषियों के विरूध्द कार्यवाही करने की मॉग की गई है। अब देखने वाली बात होगी कि इन निरक्षर महिलाओं को कौन और कैंसे न्याय दिलाता है, फिलहाल तो रजिस्ट्री हो चुकी है, आरोप कितना सहीं व गलत है ये तो जॉच के बाद ही पता चलेगा, अब पीडि़त लोगों को ग्राम के मुकद्दम सुरेश मरावी साथ दे रहे हैं।
और क्या ऐसे फर्जी तरीक़े से नियम कानून को ताक में रख कर कब तक मनमर्जी तरीके से होती रहेगी रजिस्ट्री…

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