मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से 1 लाख 99 हजार 435 महिलाओं को मिला लाभ
मंडला, 11 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत आज एक ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की 1.28 करोड़ लाड़ली बहनों और 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि अंतरित की। इस योजना से मंडला जिले की 1 लाख 99 हजार 435 पात्र महिलाओं को सीधा लाभ मिला।
राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम का जिले में सीधा प्रसारण किया गया। जिला मुख्यालय पर पीएम श्री रानी दुर्गावती महाविद्यालय सभागार में बड़ी संख्या में लाड़ली बहनों ने इस कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के चेहरों पर आत्मनिर्भरता की उम्मीद और खुशी स्पष्ट दिखाई दी।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति:
इस कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष श्री विनोद कछवाहा, कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री रजत सकलेचा, अपर कलेक्टर श्री राजेंद्र सिंह और श्री अरविंद सिंह, सहायक कलेक्टर आकिप खान, सांसद प्रतिनिधि श्री जयदत्त झा, प्रफुल्ल मिश्रा, सहायक संचालक श्री रोहित बड़कुल, परियोजना अधिकारी श्री कपिल तिवारी और सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास श्री अनूप नामदेव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम:
कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से मिलने वाली राशि न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करेगी।”
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस राशि का उपयोग वे परिवार की जरूरतों को पूरा करने और छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए करेंगी।
सकारात्मक परिणामों की उम्मीद:
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को अपनी जिम्मेदारियों को और बेहतर तरीके से निभाने का अवसर दिया है। यह पहल समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों को दर्शाती है। इस योजना से न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता मिली है, बल्कि उनके आत्मसम्मान में भी वृद्धि हुई है।
राज्य सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश करता है और अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बन सकता है।