रेवांचल टाईम्स – मंडला, इन दिनों प्रदेश के पी एच ई मंत्री मंडला जिले से ही श्रीमति सम्पतिया उईके को बागडोर सौपी गई है पर ऐसा लगता है कि जिम्मेदार विभाग आदत पड़ गई है किसी से न डरने की उन्हें इतना भी भय नहीं है कि पूरे प्रदेश की मंत्री यहीं की है और उन्हें हर बात की जानकारी आसानी से मिल सकती है पर डरता कौन है सब अपने ही है, वही जानकारी के अनुसार बोर किया और खुला छोड़ दिया कभी भी हो सकती है। दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है। विभाग
प्रदेश के मुखिया लाख नियम कानून बना ले मगर मंडला जिले के अधिकारियों को जनता की जान की परवाह किए बिना ही बोर को खुला छोड़ दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को डर बना हुआ है। कभी कोई हादसा ना हो जायेगा मगर पीएचई विभाग एसडीओ सतीश रंगारे को जानकारी दी गई।मगर एसडीओ को क्या फर्क पड़ता है। अगर कोई घटना होती है। ग्रामीणों की जान जाएगी खेर जो भी वर्तमान समय पीएचई के अधिकारी ने जलजीवन मिशन में करोड़ों रुपए कमाए है। मगर उन्हें जनता से क्या लेना देना
पीएचई विभाग उपखंड नैनपुर ने छोड़ दिया बोर खुला
वही ग्राम पंचायत गौराछापर ग्राम जुनवानी टोला में नल जल योजना के तहत एक साल पहले बोर किया गया था पानी नहीं निकलने के कारण बोरवेल को खुला छोड़ दिया गया है इसकी जानकारी ग्रामवासियों के माध्यम से भी विभाग को दिया गया मगर आज दिनांक तक बोरवेल को ढकने का काम नहीं किया गया इससे साफ जाहिर होता है पीएचपी विभाग के कर्मचारी कितनी लापरवाह हो गये है बोरवेल रोड़ के बाजू में ही किया गया है जहां से ग्रामवासियों का आवागमन होता है छोटे छोटे स्कूली बच्चों का भी आवागमन है कभी कभी स्कूली बच्चे भी बोरवेल के अंदर पत्थर मारकर खेलते हैं बोरवेल में अगर कोई घटना घटती है तो पीएचपी विभाग के कर्मचारी जिम्मेदार रहेंगे
मेरे द्वारा पीएचई के अधिकारियों को फोन से 1 माह पहले सूचना दी गई थी। मगर पीएचई ने बोर का मुंह बंद नही किया शायद कोई घटना का इंतजार कर रहे हो। क्योंकि इस जिले में जब तक कोई घटना दुर्घटना नही होती है तब तक न विभाग नही जागता है।
अंबिका उईके
ग्राम समाजसेवी
डीएम