मंडला में जमीन के सौदागर बेलगाम — रजिस्ट्रेशन नहीं, गुंडागर्दी का दमखम ज़रूर!

क्या नैनपुर की जामगांव तहसील में पल रहा है अवैध प्रॉपर्टी नेटवर्क?
मंडला में जमीन के सौदागर बेलगाम — रजिस्ट्रेशन नहीं, गुंडागर्दी का दमखम ज़रूर!

🛑 स्पेशल रिपोर्ट

मंडला में जमीन के सौदागर बेलगाम — रजिस्ट्रेशन नहीं, गुंडागर्दी का दमखम ज़रूर!

क्या मंडला की ज़मीन अब दलालों के हवाले है? क्या प्रशासन ने आंखें मूंद रखी हैं या मिलीभगत की चुप्पी है? इन सवालों के जवाब तलाशने निकली रेवांचल टाइम्स की विशेष टीम ने जब पड़ताल शुरू की, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

जिले के नैनपुर तहसील अंतर्गत जामगांव क्षेत्र में अवैध तरीके से चल रही प्रॉपर्टी डीलिंग का नेटवर्क धीरे-धीरे स्थानीय जनता के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। जमीन के ये तथाकथित दलाल न रजिस्टर्ड हैं, न ही उनके पास इस व्यापार की कोई वैध अनुमति। इसके बावजूद भी, ये खुलेआम करोड़ों के सौदे कर रहे हैं — और वो भी दबाव व गुंडागर्दी के बल पर।

कैसे हो रहा है खेल?

सूत्रों की मानें तो यह पूरा नेटवर्क कृषि भूमि को सस्ते दामों में खरीदता है और फिर उसे कई गुना कीमत पर बेच देता है। इन सौदों में न तो किसी वैधानिक दस्तावेज़ की जांच होती है, न ही किसी सरकारी अधिकारी की भूमिका दिखती है।
एक स्थानीय नागरिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया —

“यह लोग बिना नंबर की गाड़ी से आते हैं, और अगर कोई सौदा उनके मनमाफिक नहीं होता, तो डराने-धमकाने तक पर उतर आते हैं। ये ज़मीन मालिकों को भ्रमित करते हैं और बीच के माध्यमों को हटाकर सीधे डील फाइनल करते हैं।”

ब्याज का अवैध धंधा भी

सिर्फ जमीन की ही नहीं, इन दलालों पर अवैध रूप से ब्याज पर धन देने के भी आरोप लगे हैं। बिना किसी रजिस्ट्रेशन या सरकारी अनुमति के, ये फाइनेंसर की भूमिका भी निभा रहे हैं। यहां सवाल उठता है —
आख़िर प्रशासन कहां है? क्या यह सब उनकी नाक के नीचे नहीं हो रहा?

स्थानीयों का फूटा आक्रोश

क्षेत्रीय नागरिक अब इन दलालों से त्रस्त हो चुके हैं। लोगों का कहना है कि ये लोग न तो किसी वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हैं, न ही इनके सौदों में पारदर्शिता होती है।

“इन पर किसी को भरोसा नहीं रहा। अब तो लोग इनके नाम से ही दूरी बना लेते हैं,” — एक ग्रामीण बुज़ुर्ग ने बताया।

जन अपेक्षा और प्रशासन की ज़िम्मेदारी

स्थानीय लोगों की मांग है कि शासन इस पूरे नेटवर्क की गोपनीय जांच करवाए और इस गोरखधंधे में लिप्त लोगों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही, प्रॉपर्टी डीलिंग के व्यवसाय को वैधता और पारदर्शिता देने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।

रेवांचल टाइम्स की अपील

  • क्या मंडला की ज़मीन अब सुरक्षित नहीं रही?
  • क्या किसान, भूमिधारी और सामान्य नागरिक अपने ही हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे?
  • क्या दलाली अब एक नया “अनधिकृत व्यवसाय” बन चुका है?

अब समय आ गया है कि प्रशासन जागे, कार्यवाही करे और ज़मीन के असली मालिकों को उनका हक़ दिलवाए।
क्योंकि अगर अब भी चुप्पी रही, तो कल यही नेटवर्क पूरे जिले को अपनी जकड़ में ले लेगा।

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