गरीब बनकर गरीबों का निवाला छीन रहे अमीर
रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी धन की लूट मची है लूट सको तो लूट लो कि तर्ज में कार्य किया जा रहा हैं, ज़िले की जनपद स्तर से लेकर ग्राम पंचायतों में भी सरकारी धन लूटने और भ्रष्टाचार ग़बन करने के नये-नये तरीक़े निकाल रहे, क्योंकि इन्हें पता हैं कि इस ज़िले में गूँगे बहरे रहते हैं, न सुनते हैं और न ही देखते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यालय ग्राम पंचायत भडिय़ा में पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक एवं पंचायत समन्वक अधिकारी की मेहरबानी से अमीर व्यक्ति गरीब बनकर गरीबी रेखा के राशन कार्ड से राशन एवं शासन की योजनाओं का लाभले रहे हैं और गरीबों के हक पर हैं डाका डाल रहे हैं। पात्र गरीबी रेखा वाले व्यक्तियों को नहीं मिल पा रहा है। लाभ एवं अमीर गरीब बनकर मलाई खा रहे हैं और शासन को ठेंगा दिखा रहे हैं।
पूर्व जनपद सदस्य सियाराम पटेल भी गरीबी रेखा वाले
हैरान करने वाला यह मामला ग्राम पंचायत भडिय़ा के अंतर्गत निवासी सियाराम पटेल का है, जो पूर्व जनपद सदस्य रह चुके हैं, जिनके पास स्वयं की जमीन है, जिनके पास स्वयं की ट्रैक्टर ट्राली एवं टू व्हीलर है, गरीब बनकर गरीबी रेखा के कार्ड से राशन एवं शासन की अन्य योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। जो ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत को दर्शाता है कि पात्र राशन के लिए दर-दर भटक रहा है और पात्र राशन लेकर मजे कर रहा है जो खाद्य आपूर्ति अधिनियम एवं मध्य प्रदेश शासन के विपरीत है, जो एक संशय का विषय भी बना हुआ है कि आखिर स्वयं जब जनपद सदस्य थे, जिनको जनता ने अपनी सेवा के लिए चुना था, किंतु उन्होंने जनता की सेवा को ध्यान ना रखते हुए खुद अपने ही लिए शासन की योजनाओं का लाभ ले रखा है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर किन अधिकारियों के द्वारा उचित जांच ना कर उनके दस्तावेज को ना देखते हुए, किस आधार पर इन्हें गरीबी रेखा में पात्र किया गया। जो जनपद सदस्य की अपने क्षेत्र की जनता के प्रति सेवा भावना को उच्च स्तर से प्रदर्शित करता है कि एक जनपद सदस्य स्वयं अपात्र होते हुए भी जब पात्र है तो गांव के अंदर इनके द्वारा ना जाने कितने लोगों को अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचा कर शासन के राशन का बंदरबाट किया गया होगा, जो इनकी भ्रष्टाचार से युक्त कार्य शैली को प्रदर्शित करता है।
अपात्र होकर भी ले ली मनरेगा की मजदूरी
गरीबी रेखा के ऊपर रहने के बाद भी मनरेगा में की मजदूरी ले ली है।
शंकर लाल ने बताया कि पूर्व जनपद सदस्य कहीं से गरीब नहीं है, वह कई एकड़ की खेती का मालिक है, उसके पास सिंचित खेती का रकबा एवं खसरा भी है। चार एवं छह चका वाहनों का मालिक भी है। गरीबी रेखा के कार्ड के नाम से जॉब कार्ड बनाकर उसके द्वारा मनरेगा में कार्य भी किया गया है, जो कभी कार्य में उपस्थित भी नहीं हुआ है, जिसके नाम से फर्जी मास्टर रोल बनाकर सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा प्रत्यक्ष लाभ दिया गया था। जिससे ग्रामीणों के द्वारा आक्रोश भी व्यक्त किया गया था, जिसकी शिकायत भी ग्रामीण के द्वारा जनपद कार्यालय में की गई थी, जिसकी जांच हेतु दल भी गठित हुआ था। और जाँच दल के द्वारा इन्हें जांच मे फर्जी हाजिरी भरने मे रोजगार सहायक अवनीश पटेल को दोषी भी पाया गया था। जिसका पंचनामा भी तैयार किया गया था।
आवास योजना का लाभ ले लिया
कृषि उपज मंडी लैंप्स टाटरी में विक्रय करते हैं धान एवं गेहूं की फसल
पूर्व जनपद सदस्य सियाराम पटेल जब गरीब है, इनके पास गरीबी रेखा का कार्ड है तो उनके नाम से खेती किसकी है और यह व्यक्ति जब स्वयं की खेती का वही पट्टा लगाकर उपज मंडी लेम्प्स टाटरी में किसान पंजीयन कराकर धान एवं गेहूं की फसल का विक्रय करता है, जिसकी राशि स्वयं उनके खाते में आती है तो वह व्यक्ति गरीब कैसा है, जो उनकी पूर्ण भ्रष्टाचारियों को उजागर करता है जो कि कार्यालय ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर सवालिया निशान पैदा करता है एवं जिन अधिकारियों के द्वारा गरीबी रेखा का कार्ड उनके नाम से जारी किया गया है उनकी पूर्ण ईमानदारी को भी प्रदर्शित करता है कि उनके द्वारा पंचायत के अंतर्गत कितनी सच्चाई से गरीबों को ध्यान में रखते हुए शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है एवं गरीबों को दृष्टिगत रखते हुए उनके हित में कार्य किया गया है एवं गरीबों का नाम गरीबी रेखा की सूची से वंचित कर आवास योजनाओं के लाभ से वंचित कर सियाराम पटेल को आवास योजना का लाभ दिया गया है।
मोबिलाइजर ले रहे सरकारी योजना का लाभ
पंचायत में कार्यरत मोबिलाइजर स्वयं ले रहे हैं गरीबी रेखा के कार्ड से राशन एवं योजनाओं का लाभ गांव के जागरूक नागरिक शंकर उइके ने बताया कि शासन की योजनाओं के अंतर्गत शासकीय योजनाओं का लाभ ले रहे व्यक्तियों का नाम नहीं हो सकता गरीबी रेखा में जो व्यक्ति शासन से सैलरी प्राप्त कर रहा है, उसका नाम तो दूर-दूर तक नहीं होना चाहिए था। गरीबी रेखा में किंतु ग्राम पंचायत भडिय़ा में शासन की नियमों की अनदेखी कर पंचायत में कार्यरत कुमारी साक्षी पटेल मोबिलाइजर के पद पर कार्यरत है, जिनको मध्य प्रदेश शासन से सैलरी मिलती है यह भी गरीबी रेखा के राशन कार्ड से राशन प्राप्त करती हैं जिनका नाम अति गरीबी में हैद्य जो शासन के नियमों के विपरीत है जिस पर प्रशासनिक कार्रवाई बनती हैद्य जो शासन के साथ की गई पूर्ण धोखाधड़ी एवं गुमराह के मामले को प्रदर्शित करता हैद्य यह पूर्व जनपद सदस्य सियाराम पटेल की सुपुत्री भी है जिनकी समग्र आईडी में परिवार के साथ इनका नाम जुड़ा हुआ हैद्य जिससे पता चलता है कि पंचायत के अंदर कितना फर्जीबाडा एवम गोलमाल मचा हुआ है और स्वयं मोबिलाइजर की भर्ती भी फर्जी है जिसको शंकर लाल के द्वारा जिला कलेक्टर से शिकायत कर उन पर एफआईआर की मांग भी की है। शंकर लाल का कहना है कि उक्त शिकायत के बाद पंचायत कर्मचारी से लेकर जनपद पंचायत के अधिकारी तक इस मामले को संज्ञान में लेकर शासकीय कर्मचारी साक्षी पटेल के ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं इस बात की शिकायत को पूर्व में ही शंकर लाल के द्वारा सरपंच को अवगत कराते हुए जाँच हेतु लिखित शिकायत पत्र देकर की गई है जिसमे सचिव के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है आज तक आवेदक को अवगत नहीं कराया गया है।
कार्यालय ग्राम पंचायत भडिया में भ्रष्टाचार है चरम पर
शिकायतकर्ता शंकर उईके के द्वारा बताया गया कि विगत कुछ दिवस पूर्व ही पंचायत में मोबिलाइजर की भर्ती में हुई फर्जीवाड़ा को पूर्ण साक्ष्य के साथ प्रमाणीकरण के साथ प्रकाशन कर भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था किया गया था, जिस पर सचिव रोजगार सहायक एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी के द्वारा उच्च अधिकारियों के साथ मिली भगत करके मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है एवं दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है शिकायतकर्ता शंकर लाल ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा दोषियों को संरक्षण प्रदान कर उन्हें पूर्ण तरीके से बचाने का प्रयास किया जा रहा है एवं शिकायतकर्ता को किसी भी आरोप में फंसाने की साजिश रची जा रही है, जिसकी शिकायत भी इनके द्वारा थाना बम्हनीबंजर में की गई है साथ में यह भी सूचना दी है कि दोषियों के द्वारा उन्हें जान का खतरा भी है।
सचिव और पंचायत समन्वयक को हटाने की मांग
वही शिकायतकर्ता शंकर लाल का कहना है कि जब तक भ्रष्ट पंचायत कर्मी पंचायत के अंदर उपस्थित है। इनसे किसी भी प्रकार की न्याय की उम्मीद करना सूरज को दीपक दिखाने के बराबर है। भ्रष्टाचार में लिफ्त यह सभी पंचायत कर्मी पैसों के दम पर गलत कार्य करते है जिसमें उच्च स्तर के अधिकारी भी मिले हुए हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि इनके पास पंचायत में हुए भ्रष्टाचार का पूरा दस्तावेज रखा हुआ है, जिसे अगले अंक में प्रकाशित किया जावेगा शिकायतकर्ता ने कहा है कि जल्द से जल्द इन अधिकारियों को पंचायत से हटाया जावे ताकि पंचायत विधिवत संचालित हो सके नहीं तो उनके द्वारा सबूत को मिटाने के लिए भ्रष्टाचार को दबाने के लिए सभी प्रकार के दस्तावेजों का गबन किया जा सकता है! अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी इस समाचार के बाद जाग कर और गरीबों के पेट से निवाला छीनने वाले रसूखदारों पर कुछ कार्यवाही करेंगे यह फिर कागज़ों की खाना पूर्ति कर रसूखदारों को अभयदान दे देंगी।