रेवांचल टाईम्स – मंडला धार्मिक व सामाजिक सेवा में सदैव अग्रणी रहने वाला श्री चित्रगुप्त कायस्थ समाज मंडला एवं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा मंडला एक बार फिर अपनी समर्पण भावना के साथ सामने आया। उत्तरवहिनी माँ नर्मदा की परिक्रमा पर निकले श्रद्धालु परिक्रमा वासियों के लिए श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा मंडला द्वारा माँ ज्वाला जी मंदिर, श्री चित्रगुप्त मंदिर एवं माँ नर्मदा मंदिर परिसर, नावघाट महाराजपुर में प्रातः 6 बजे बाल भोग वितरण का पावन आयोजन संपन्न हुआ।
यह सेवा कार्य माँ नर्मदा की कृपा एवं कायस्थ समाज की प्रेरणा से आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में चित्रांश बंधुओं ने तन-मन-धन से सहभागिता कर पुण्य प्राप्त किया। परिक्रमा वासियों को सादर आमंत्रित कर, उनके आगमन पर उनका स्वागत कर, पूरी श्रद्धा के साथ भोग अर्पित किया गया। भोग वितरण में खीर, फलाहार, व पारंपरिक प्रसाद सम्मिलित था, जो स्वयं चित्रांश समाज की महिलाओं द्वारा निर्मित किया गया था।
इस आयोजन के माध्यम से समाज के युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ जनों ने मिलकर यह सिद्ध किया कि कायस्थ समाज केवल लेखनी और विद्वत्ता में ही नहीं, अपितु सेवा, संस्कृति और धर्म कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं की सेवा करते हुए समाजजन पूरे मनोयोग से लगे रहे।सभा के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह सेवा कार्य न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि सामाजिक एकता और आपसी सहयोग का प्रतीक भी है। बाल भोग वितरण के इस पुनीत अवसर पर समाज के अनेक गणमान्य नागरिक, महिलाएं, युवा एवं बच्चे भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के समापन पर श्री चित्रगुप्त सभा एवं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा मंडला के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने सभी सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन ही नहीं, बल्कि समाज में समरसता, सेवा और श्रद्धा का वातावरण तैयार करना भी है। आने वाले समय में भी कायस्थ समाज इसी भावना के साथ आगे बढ़ेगा।”यह आयोजन न केवल नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए ऊर्जा देने वाला था, बल्कि कायस्थ समाज के एकजुट प्रयासों का भी प्रभावशाली उदाहरण बन गया, जिसने पुनः यह सिद्ध किया कि जहाँ सेवा, श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, वहाँ कायस्थ समाज सदैव अग्रणी होता है।