पी एस टिकराटोला में सोलह बच्चों में एक छात्रा रही उपस्थित,प्रधानाध्यापक भी रहे नदारत,,

एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर पहली से पांचवीं तक के बच्चे,भवन भी जर्जर,,
पी एस टिकराटोला में सोलह बच्चों में एक छात्रा रही उपस्थित,प्रधानाध्यापक भी रहे नदारत,,

दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग – ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी शिक्षा व्यवस्था के हाल बेहाल है। आलम यह है कि शासन द्वारा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा एवं सुविधाएं प्रदान करने के दावों के बाद भी ग्रामीण अंचलों के स्कूलों की स्थिति में सुधार होते नहीं दिख रहा है नवीन शिक्षा सत्र शुरू हुए लगभग एक पखवाड़ा बीत गया परंतु ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांशत :स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या के मुकाबले उपस्थिति में इजाफा नहीं हो पा रहा है विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी स्कूलों में शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति की होने बजाय विद्यालयीन समय में गिनती के दो चार छात्र ही नजर आ रहे है।वही कई स्कूलों में शिक्षक ही नदारत रहते है यही हाल शनिवार को मुख्यालय से लगभग पांच किमी दूर स्थित प्राथमिक शाला ग्राम टिकराटोला में देखने को मिला। जहा सुबह दस बजे शाला में मात्र एक ही छात्रा उपस्थित रही है दो शिक्षकों में एक अथिति शिक्षक विद्यालय में मौजूद रहे है जो कि उपस्थित छात्रा को विद्याध्ययन करा रहे थे तथा प्रधानाध्यापक स्कूल से नदारत रहे है पूछने पर शिक्षक द्वारा बताया गया कि प्रधानाध्यापक किसी कार्य से बजाग मुख्यालय गए हुए है। छात्र छात्राओं की कम उपस्थिति पर शिक्षक ने बताया कि पता नहीं किस वजह से बच्चे बुलाने पर भी विद्यालय नहीं आ पा रहे है यह तो मात्र एक उदाहरण है ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में छात्र छात्राओं की कम उपस्थिति में विद्यालय संचालित हो रहे है प्रायः देखा जा रहा है कि कई स्थानों पर कही बच्चों की हाजरी कम तो कही स्कूलों से शिक्षक ही नदारत रहते है प्राथमिक शाला टिकराटोला का स्कूल वर्षों से एक ही कमरे में संचालित हो रहा है यहां पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एक ही कमरे में संयुक्त रूप से बैठाकर विद्याध्ययन कराया जाना शिक्षकों की मजबूरी है भवन भी जर्जर हालत में है भवन की दीवारों में कई जगह दरारें आ गई है यहां वर्तमान में बच्चों की दर्ज संख्या 16 बताई गई है।हालत यह है कि नए सत्र में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खाना पूर्ति चल रही है

Comments (0)
Add Comment