नरवाई जलाने पर लगाया जायेगा जुर्माना

नरवाई जलाने पर लगाया जायेगा जुर्माना

 

जिला दंडाधिकारी कार्यालय मंडला से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

 

मंडला 21 अप्रैल 2025

रबी फसलों की कटाई के उपरांत नरवाई जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। नरवाई प्रबंधन के मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सोमेश मिश्रा के निर्देशन में जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ जुर्माने की कार्यवाही भी की जा रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के द्वारा नरवाई में आग लगाने की घटनाओं की सेटेलाइट मैपिंग की जा रही है। जिला दंडाधिकारी कार्यालय से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत नरवाई प्रबंधन के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।

पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन क्रमांक/एफ-12-37/2017/18-5 15 मई 2017 से नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को प्रतिबंधित कर दण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान किया गया है। नोटिफिकेशन से पर्यावरण सुरक्षा हेतु माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश कम में एयर एक्ट 1981 के अंतर्गत प्रदेश में फसलों विशेषतः धान एवं गेहूं की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाये जाने हेतु प्रतिबंधित किया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू किये जाने के निर्देश है। जिला मण्डला के राजस्व सीमा में रबी मौसम की फसल गेहूं की कटाई के पश्चात बहुसंख्यक कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर गेहूं के डंठलों को नष्ट कर खेत साफ किया जाता है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। नरवाई में आग लगाना कृषि के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण विगत वर्षों में गंभीर अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई तथा व्यापक संपत्ति की हानि हुई है। खेतों में नरवाई में आग लगाने से आग के अनियंत्रित होने पर जनसंपत्ति व प्राकृतिक वनस्पति, जीवजन्तु आदि नष्ट हो जाते हैं। व्यापक नुकसान होता है। खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते हैं। खेत की उर्वरा शक्ति शनैःशनैः घट जाती है और उत्पादन प्रभावित होता है। खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपाजक बनाते हैं, इन्हें जलाकर नष्ट करना उर्जा को नष्ट करना है। जिले में कई कृषकों द्वारा रोटोवेटर से व अन्य साधनों से गेहूँ के डंठल खेत से हटाने हेतु साधन अपनाये जाने लगे हैं। नरवाई में आग लगाने से अन्य किसानों की फसलें एवं जनहानि होने की पूर्ण संभावना होती है इसलिये जिले में इस पर नियंत्रण किये जाने की नितांत आवश्यक है। उपरोक्त परिस्थितियों मे जन सामान्य के हित, सार्वजनिक सम्पत्ति, पर्यावरण एवं लोक व्यवस्था को बनाये रखने हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आदेश जारी किया गया है कि जिला मण्डला की सम्पूर्ण राजस्व सीमा के खेतों में गेहूं के डंठलों (नरवाई) में आग लगाया जाना प्रतिबंधित रहेगा। फसलों की कटाई में उपयोग किये जाने वाले प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने हेतु स्ट्रा रीपर अनिवार्य रूप से रखा जाये या कम्बाइंड हार्वेस्टर में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। जिले में चलने वाले कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा रीपर/स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम की सतत निगरानी जिला परिवहन अधिकारी एवं सहायक कृषि अभियांत्रिकी जिला मण्डला द्वारा की जावेगी। साथ ही बिना स्ट्रा रीपर/स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कम्बाइन्ड हार्वेस्टर चलाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही करेंगे।

चूंकि वर्तमान में ऐसी परिस्थितियां नही है और न ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को दी जाकर सुनवाई की जा सके। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया गया है। एक पक्षीय कार्यवाही से व्यथित कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत इस आदेश के विरुद्ध अपना पक्ष/आपत्ति या आवेदन इस के न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है। आदेश के प्रचार प्रसार हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 153 (2) अंतर्गत जनसंपर्क विभाग को निर्देशित किया जाता है कि, आदेश की सूचना समाचार पत्रों/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से जनसामान्य को अवगत करावे। जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा समस्त तहसीलदार कार्यालय थाना प्रभारी कार्यालय/ग्रामीण/शहरी निकायों के सक्षम अधिकारी अपने अपने कार्यालयों के सूचना पटल पर यह आदेश प्रदर्शित कर सामान्यजन एवं संबंधितों को आदेश की जानकारी प्रदान करें। यह आदेश मंडला जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डनीय होगा।

 

नरवाई जलाने से होता है नुकसान, भूसे से की जा सकती है अतिरिक्त आय

 

वर्तमान में गेहूं की फसल कटाई अधिकांशतः कम्बाईन्ड हार्वेस्टर द्वारा की जाती है। कम्बाईन्ड हार्वेस्टर से कटाई उपरांत फसल की नरवाई में आग लगाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। कटाई उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) से भूसा न बनाकर जला देते हैं। पैरा/भूसे का उपयोग पशु आहार के साथ ही अन्य वैकल्पिक रूप में किया जा सकता है। एकत्रित किया गया भूसा अन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता है। भूसे एवं पैरा की मांग प्रदेश के अन्य जिलों के साथ अनेक प्रदेशों में भी होती है। एकत्रित भूसा 8-10 रूपये प्रति किलोग्राम की दर पर विक्रय किया जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में भूसा/पैरा उपलब्ध न होने के कारण पशु अन्य हानिकारक पदार्थ जैसे कागज पॉलीथीन आदि खाते हैं, जिससे वे बीमार हो जाते हैं तथा अनेक बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है, जिससे पशुधन की हानि होती है। नरवाई का भूसा आज से दो तीन माह बाद दुगनी दर पर विक्रय होता है तथा कृषकों को यही भूसा बढ़ी हुई दरों पर क्रय करना पड़ता है। नरवाई एवं पैरा में आग लगाना कृषि के लिये नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण विगत वर्षों में गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई है तथा व्यापक संपत्ति की हानि हुई है। ग्रीष्म ऋतु में बढ़ते जल संकट में इससे बढ़ोत्तरी तो होती ही है, साथ ही कानून व्यवस्था के लिये विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं।

 

अब तक 61 लोगों पर हुई जुर्माने की कार्यवाही

 

मंडला जिले में सेटेलाईट मॉनिटरिंग सिस्टम से अब तक कुल 51 घटनाएं चिन्हित की गई हैं। जिनमें से मंडला में 21, नैनपुर में 18, बिछिया में 4, नारायणगंज में 5 तथा निवास में 3 घटनाएं पाई गई हैं। प्राप्त सूचना के आधार पर एसडीएम मंडला द्वारा 24 लोगों पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। इसी प्रकार एसडीएम नैनपुर द्वारा 12 तथा एसडीएम बिछिया द्वारा 25 लोगों पर कार्यवाही करते हुए अर्थदंड अधिरोपित किए गए हैं।

Comments (0)
Add Comment