भ्रष्ट तंत्र के शिकंजे में लोकतंत्र…….? जाँच के लिए चौथे स्तम्भ सड़क पर

भ्रष्ट तंत्र के शिकंजे में लोकतंत्र…….? जाँच के लिए चौथे स्तम्भ सड़क पर

जांच का आश्वासन देकर समाप्त कर दिया पत्रकार का भूख हड़ताल

जब पत्रकारों की नहीं सुनी जाती तो आम आदमी का क्या होता होगा …?

जनसुनवाई जैसे जन समस्याओं के निराकरण के सभी कार्यक्रम में नहीं मिल रहा त्वरित न्याय

रेवांचल टाईम्स – मंडला .मध्य प्रदेश के मंडला जिले में भ्रष्ट तंत्र के शिकंजे में लोकतंत्र है, यहां पर आम आदमी तो परेशान हो ही रहा है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ को भी परेशानियों का सामना का सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारों को भी त्वरित न्याय नहीं मिल पा रहा है जन समस्याओं के निराकरण के लिए पत्रकारों द्वारा जो भी अभियान या प्रयास किए जा रहे हैं उन पर पानी फेरने का काम भ्रष्ट सरकारी तंत्र द्वारा किया जा रहा है पत्रकारों को भी त्वरित न्याय नहीं मिलने की वजह से मजबूरी में धरना आंदोलन भूख हड़ताल करना पड़ रहा है एक ऐसा ही मामला इस समय मध्य प्रदेश के मंडला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है लोग चर्चा कर रहे हैं कि जिला मुख्यालय मंडला महाराजपुर के पत्रकार कमलेश मिश्रा द्वारा गरीबी रेखा में हुई गड़बड़ी को लेकर लगातार सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अभियान चलाया गया जिला स्तर की जनसुनवाई में कलेक्टर को शिकायत की गई इसके बाद भी कोई निराकरण नहीं किया गया मजबूरी में पत्रकार कमलेश मिश्रा को जिला मुख्यालय में लोक सेवा केंद्र के सामने भूख हड़ताल में बैठना पड़ा यह बात सही है कि यहां पर जब पत्रकारों की नहीं सुनी जा रही है तो फिर आम आदमी की सुनवाई कैसी हो रही होगी अनुमान लगाया जा सकता है नागरिक तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं कि इस जिले में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति निर्मित हो गई है शासन प्रशासन द्वारा शिकायतों के निराकरण में घोर लापरवाही की जा रही है जिसकी वजह से लोग परेशान हो रहे हैं पत्रकार द्वारा भीगरीबी रेखा योजना अंतर्गत अपात्र लोगों के नाम जोड़े जाने की जांच कर अपात्र लोगों के नाम हटाने की मांग को लेकर शिकायत की गई थी जिसका तत्काल निराकरण नहीं किया गया था इसी वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई और पत्रकार को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा आखिरकार ऐसा कब तक चलता रहेगा इस जिले में जनसुनवाई के अलावा जन समस्याओं के निराकरण के लिए जो भी अभियान व कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं उनमें भारी गड़बड़ी और गोलमाल हो रहा है यह प्रमाण है कि पत्रकार कमलेश मिश्रा द्वारा लिखित शिकायत जनसुनवाई में की गई थी जिसका निराकरण नहीं किया गया था तो उन्हें भूख हड़ताल में बैठना पड़ा ऐसे कई मामले हैं जिनकी सही जांच नहीं हो रही है सिर्फ गोलमाल किया जा रहा है भूख हड़ताल के दूसरे दिन भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा ने तहसीलदार की मौजूदगी व सभी की मौजूदगी में पत्रकार कमलेश मिश्रा को जूस पिलाकर भूख हड़ताल का समापन कराया और जांच के लिए दल गठित करने का आश्वासन दिया गया अब देखना यह होगा कि हड़ताल समाप्ति के बाद किस तरह की जांच पड़ताल होती है और कितने लोगों के नाम मंडला महाराजपुर में अपात्र होने की स्थिति में काटे जाएंगे यह समय ही बताएगा फिलहाल लोग चर्चा कर रहे हैं कि आंदोलन को समाप्त कराया गया है सही निराकरण नहीं होगा ऐसी संभावना जताई जा रही है जन अपेक्षा है इस विषय पर उच्च जांच पड़ताल की जाए और जन समस्याओं के निराकरण के सभी कार्यक्रम व अभियान उपयोगी बनाया जाए त्वरित न्याय प्रदान किया जाए ताकि ऐसी स्थिति निर्मित न हो कि पत्रकारों को भी आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़े।
वही एक चौथे स्तम्भ को सड़क में आकर जाँच की मांग करना पड़े तो समझ सकते है कि आज जिला प्रशासन और शासन प्रशासन और प्रशासनिक अमला किस कदर अपने कर्त्तव्य के प्रति वफ़ादार है और आम आदमी के क्या हालत है।

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