भ्रष्टाचार के लगे आरोपों की जांच सही पाए जाने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

ग्राम पंचायत बरबस पुर का मामला
भ्रष्टाचार के लगे आरोपों की जांच सही पाए जाने के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

बजाग – प्रदेश सरकार गांवों के विकास के लिए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है जिसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों का समुचित विकास हो लेकिन ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों के द्वारा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करना आम बात हो गयी है,ताजा मामला जनपद करंजिया के ग्राम पंचायत बरबसपुर का सामने आया है यहां सरपंच सचिव के द्वारा नियमों को ताक में रखकर पंचायत द्वारा कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों में जमकर भ्रस्टाचार किया गया है ग्राम पंचायत में कराए गए कई निर्माण कार्य आज भी अधूरे पड़े हुए है जो भी कार्य कराए गए है गुणवत्ता विहीन हैं और अधूरे पड़े हुए है जिसके चलते ग्रामीणों ने मार्च 20 25 में जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी डिंडोरी को एक शिकायत पत्र सौंपा था,कलेक्टर के निर्देश पर नायब तहसीलदार वृत करंजिया जाँच करने ग्राम पंचायत बरबसपुर पहुंचे ,जिन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की, शिकायत पत्र में लगाये गए सभी आरोप सही पाए गए । ग्रामवासियों द्वारा जिला सीईओ को दी गई शिकायती पत्र में किए गए भ्रष्टाचार का बिंदुवार उल्लेख किया गया है जिसमें आरोप लगाए गए है कि पुलिया निर्माण के कार्य में रमेश के घर के सामने स्वीकृत राशि 4 लाख 25 हजार में राशि 3 लाख 77 हजार का व्यय कर पुलिया को अधूरा छोड़ दिया गया तथा निर्माण कार्य मिट्टी युक्त रेत का इस्तेमाल किया गया जिसके कारण पुलिया फट गई।एवं बगैर मूल्यांकन कराए राशि का आहरण किया गया । सीसी सड़क रोड चौराहा से चरण के घर तक स्वीकृत राशि 6 लाख 67 हजार में राशि 6 लाख 89 हजार का व्यय किया गया और सीसी रोड का कार्य भी अधूरा छोड़ दिया गया । पंचायत भवन निर्माण स्वीकृत राशि 15 लाख व्यय राशि 5 लाख कार्य की स्थिति प्लंथ स्तर तक का कार्य कराया गया जिसे चालू कराया जाने की मांग की गई है । नीलगिरी पेड़ों की नीलामी राशि 2 लाख 62 हजार को राशि आहरण कर अपने निजी स्वार्थ में उपयोग किया जा रहा है आवेदक आज दिनांक तक पंचायत के खाते में राशि जमा नहीं किया गया है तथा उक्त नीलामी की राशि को पंचायत द्वारा आज तक बैंक खाते में जमा नहीं कराई गई है जिसे जमा कराए जाने की मांग की गई है। सरपंच द्वारा अपने बच्चों के नाम से पीयूष ट्रेडर्स फॉर्म बनाया है जिसका संचालनकरता स्वयं सरपंच पति है उपरोक्त सभी अधूरे पड़े निर्माण कार्यों की राशि पीयूष ट्रेडर्स के बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया है ग्रामीणों का आरोप है कि इस प्रकार सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है जिस पर अभी तक सिर्फ जांच की गई है तथा जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है

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