तीन दिन से दिन का तापमान 42 डिग्री के पार है तो रात का भी 23 डिग्री के पार। किसी भी समय फाल्ट होने पर कोई न कोई फीडर घंटों के लिए बंद हो जाता है। बताया गया है कि घरों में बिजली सप्लाई के लिए डाली गई बिजली विभाग की केबल अधिक तापमान नहीं झेल सकती है। इधर तापमान 41-42 डिग्री से पार चल रहा है। गर्मी के चलते घरों में एसी कूलर चलना शुरू हो गए। केबल पर लोड बढ़ गया। जिससे तारों में करंट दौडऩे से अंदर से भी गर्म हो रही। इस वजह से भी फाल्ट हो रहा है। इससे अधिक तापमान जाते ही केबल गर्म हो जाती है तापमान बढऩे से ऊपरी हिस्सा भी गर्म होता है, अंदर दौड़ रहे करंट से भी केबल का तापमान बढ़ जाता है। जिससे कभी भी केबल जल उठती हैं।
मेंटेनेंस में यह काम होता है।
तो वही बिजली कंपनी साल भर मेंटेनेंस कराती है। यह मेंटेनेंस गर्मी के सीजन होने से पहले कराया जाता है। गर्मी खत्म होने के बाद बरसात का सीजन शुरू होने से पहले ही शीत कालीन मेंटेनेंस शुरू हो जाता है। इसके बाद सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले मेंटेनेंस किया जाता है। मेंटेनेंस में जो लाइनें पेड़ों के ऊपर अथवा आसपास से निकली होती हैं वहां पेड़ों की डालियों की छंटाई होती है। जहां लाइनें जर्जर हो जाती हैं या फिर जल जाती हैं उन्हें बदला जाता है। ट्रासफार्मर की भी रिपेयरिंग होती है।
बिजली केबल में बढ़ रहा लोड
