नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत के साथ ही लोग मकर संक्रांति (makar sankranti) का इंतजार कर रहे हैं. इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस साल मकर संक्रांति पर रवि योग के साथ वरीयान योग बन रहा है, जिससे इस बार की मकर संक्रांति बहुत खास होगी. यह खास वरीयान योग (Variyaan Yoga) 77 साल बाद बनने जा रहा है. इन दोनों योग के बनने के कारण इस महापर्व का महत्व अधिक बढ़ जाएगा. साथ ही 5 साल के बाद मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को पड़ेगा जिस कारण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास उपाय भी किए जाएंगे.
ज्योतिषाचार्य अंशु पारीक ने बताया कि जिस प्रकार 27 नक्षत्र होते हैं, उसी प्रकार 27 योग होते हैं, जिनमें 14 शुभ योग, 8 अशुभ योग और 5 मध्यम योग होते हैं. वरीयान योग मध्यम योग में आता है. वरीयान योग के देवता कुबेर और शुक्र देवता को माना गया है. इस योग में शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं, लेकिन पौष माह में पड़ने के कारण इस योग में इन कार्यों को करने से बचना चाहिए.
उन्होंने आगे बताया कि पूरे मकर संक्रांति के समय में वरीयान योग ही रहेगा जो 14 जनवरी मध्यरात्रि में 2:40 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 15 जनवरी की रात 11:10 बजे तक रहेगा. वरीयान योग उस समय प्रभावशाली होता है, जब शुक्र ग्रह उच्च राशि में हो. वरीयान योग को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अगर कुबेर के मंत्र और शुक्र के मंत्रों की माला जपी जाए तो बहुत अच्छा लाभ देखने को मिलता है.