रेवांचल टाईम्स – मण्डला, आदिवासी बाहुल्य मण्ड़ला जिले के विकास खण्डो के ग्रामो में संचालित क्रेशर में क्रेशर के संचालकों के द्वारा भारी अनिमित्ताये की जा रही है इनके द्वारा बेधड़क कहाँ मर्जी हो रही वहा पर खुदाई कर पत्थर निकाल रहे है और जो क्रेशर संकलित हो रहे है किसी में भी न ही प्रदूषण विभाग के नियम के अनुसार कार्य किया जा रहा है और न ही एन जी टी के नियमों का पालन किया जा रहा है और जिले के न खनिज अधिकारी मौके में जाकर चैक कर है और न ही जिले के श्रम विभाग अधिकारियों द्वारा श्रमिकों के बारे में जानकारी ली जा रही है श्रमिकों का भी शोषण किया जा रहा है उनकी सुरक्षा के कोई भी संसधान उपलब्ध नही है,
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनपुर जनपद पंचायत क्षैत्र के ग्रामीण अंचलों मैं संचालित गिट्टी क्रेशर, ड़ोलोमाईट क्रेसर खदानों में पत्थरों को तोडऩे के दौरान उडऩे वाली धूल से आसपास के इलाकों को बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त नियम जरूर बनाए है लेकिन मैदानी स्तर पर इसका पालन कही पर भी नहीं हो पा रहा है। यहाँ के अधिकांश खदानों में न तो पानी का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही विंड बे्रकिंग वाल बनाई गई है। इससे यहां प्रदूषण पर कंट्रोल ही नहीं हो पा रहा है। नैनपुर जनपद पंचायत क्षैत्र में करीब 25 से 50 गिट्टी एवं ड़ोलोमाईट क्रेशर खदानें है। खदान संचालकों को संचालन अनुमति देते समय स्पष्ट रूप से पर्यावरणीय नियम के पालन के शपथ पत्र लिए जाते हैं।इनकी धूल से श्रमिकों और आसपास के इलाकों में पडऩेवाले प्रभाव को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी सख्त आदेश जारी किए हैं, जिनमें उन्हें धूल का कंट्रोल हर हाल में करना है। इसके बावजूद खोहरी, गजना , कजरवाड़ा, चदिया माल, सर्रा पिपरिया, खुरसीपार, चिचौली, चरगाव, परसवाड़ा चक्र, बन्जाराटोला एवं चरगाव, मुगदरा, भड़िया भटियाटोला, भवरदा, चिकनाहीटोला, समेत और भी अन्य अंदरुनी इलाकों में मौजूद क्रेशरों में नियमों की अनदेखी की जा रही है। अधिकांश क्रेशरों का स्थल निरीक्षण कर लिया जाए तो विंड वाल, जल छिड़काव, प्लांटेशन, तारपोलिंग नहीं मिलेगी।
क्रेशर पर ये हैं बोर्ड के क्या है नियम..
1. क्रेशर को तीन ओर से विंड ब्रेकिंग वाल से घेरना।
2. वाइब्रेटिंग/रोटरी स्कीन को एमएस/जीआई शीट से कवर्ड करना।
3.जीरो गिट्टी के डस्ट के ट्रांसफार्मर बिंदु पर टेलीस्कोपिक सूट से कवर करना।
4.पत्थर में क्रेसिंग के पूर्व जल छिड़काव करना।
5. क्रेशर के चारो ओर पांच मीटर चौड़ी हरित पट्टी का प्लांटेशन करना।
6. फाइन डस्ट को तार पोलिंग से ढंकना।
7. क्रेशर परिसर के अंदर एप्रोच रोड में दिन में चार बार जल छिड़काव करना।
8. वर्कर को नोस मास्क प्रदान करना।
9. खदान को फेसिंग कर घेरना। क्रेशरों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी के नियम पालन के लिए नोटिस जारी कर चेतावनी तत्काल देकर यहा पर मौका स्थलो की शूक्ष्म जाच करना नितात आवश्यक है । इसके साथ बोर्ड नियमों के पालन पर ही लाइसेंस जारि किया जाये ।
ज्ञातव्य हो कि नैनपुर जनपद पंचायत क्षैत्र के ग्रामीण अंचलों मैं संचालित गिट्टी क्रेसरो एवं ड़ोलोमाईट क्रेसरो का गत दिनों मौका मुआयना एवं स्थल निरीक्षण के दौरान देखा गया कि यहाँ पर लगे गिट्टी क्रेसरो के मालिकों के द्वारा अपने स्वीकृत क्षैत्र फल के अतिरिक्त भूमि मैं स्वीकृत गिट्टी खदाने बना रखी है जो शासन एवं प्रशासन के नियम निर्देशों की खुली धज्जिया उठाते हुए अपने मनमाफिक बड़ी बड़ी खदाने बनाकर यहाँ पर अवैध उत्खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं वही ब्लास्टिग की तेज आवाज से ग्रामीण जनसमुदाय ड़रे हुये रहते हैं ।यहाँ पर जो गिट्टी खदाने बनी हुई है उसके आस पास बाऊन्ड़्री बाल भी नहीं बनाया गया है जिससे यहाँ की पालतू मवेशियों को भी जान का खतरा बना हुआ है । विभागीय नियम निर्देशों को परे रख गिट्टी क्रेसर संचालकों के द्वारा अपने स्वयं के नियम कायदे बनाकर यहाँ पर कार्यरत गरीब मजदूरों का खुला शोषण निरन्तर कर रहे हैं । गत दिनों यहाँ के कुछेक ग्रामीणों ने आगे आकर मीडिया को बताया कि इनकी निजी जमीन मैं गिट्टी क्रेसर संचालक अपने लिये काला पत्थर की खुदाई करवाते है और इन्हें परिश्रम के रूप मैं 210 रूपये प्रति ट्रेक्टर ट्राली के हिसाब से राशि देते हैं । पत्थर खदानो मैं स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी दवाइयाँ बगैर नहीं रखी जाती है ना ही कोई ऐसी व्यवस्था होती है जिससे यहाँ पर लगे पत्थर तोड़ने वाले गरीब मजदूरों को समय आने पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके । जान माल की परवाह किये गरीब श्रमिक पूरे दिन कठिन परिश्रम करते हैं किन्तु इन्हें वाजीब दाम भी नहीं मिलता है ।खनिज पत्थर की तुड़ाई और रायल्टी की चोरी यहाँ पर सरेयाम किया जा रहा है । यहाँ पर प्रायः सभी गिट्टी क्रेसरो मैं विभागीय नियम निर्देशों की खुली धज्जिया उठाई जा रही है जिससे मौका मुआयना एवं स्थल निरीक्षण के पश्चात स्पष्ट देखा जा सकता है । संबंधित खनिज विभाग के जिम्मेदार शासकीय तंत्र को बार बार यहाँ पर नियम -निर्देशों के विपरीत संचालित स्टोन क्रेसरो के खिलाफ सख्त काय॔ वाही करने की लगातार जन माँग की जाती है किन्तु वाहरे जिले प्रशासन एवं संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जो आज पर्यन्त यहाँ पर नियम निर्देशों के विपरीत संचालित गिट्टी क्रेसरो के खिलाफ कभी भी निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये है । जिले की स्वैच्छिक समाज सेवी संस्था जागृति युवा संस्थान जामगाॅव मण्ड़ला के वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा गत दिनों मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित मैं सिकायत पत्र प्रेषित करके यहाँ पर नैनपुर जनपद पंचायत क्षैत्र के ग्रामीण अंचलों मैं एक लम्बे अरसे से शासकीय नियम निर्देशों के विपरीत संचालित गिट्टी एवं ड़ोलोमाईट क्रेसरो के मालिकों के खिलाफ सख्त काय॔ वाही समय शीमा के अन्दर करने की माँग पत्र मैं किये है । मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित ज्ञापन पत्र मैं स्पष्ट उल्लेख किया गया है अगर समय शीमा के अन्दर यहाँ के सम्पूर्ण गिट्टी क्रेसरो की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच नहीं की गई तो इसे लेकर विशाल जनादोलन किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संम्बधित विभाग एवं जिला प्रशासन की होगी ।