सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र को हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने पर विचार करने का निर्देश दिया, साथ ही सरकार को याद दिलाया कि समय के साथ पैसे का मूल्य कम हो जाता है। मोटर वाहन अधिनियम पीड़ितों को हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के दौरान मृत्यु के मामले में ₹2 लाख और चोटों के लिए ₹50,000 का मुआवजा देने की अनुमति देता है। न्यायाधीश एएस ओक की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम केंद्र सरकार को इस पर विचार करने का निर्देश देते हैं कि क्या मुआवजे की राशि को धीरे-धीरे सालाना बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार आज से आठ सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर उचित निर्णय लेगी। अदालत ने कहा कि हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के बाद बहुत कम लोग मुआवजे का दावा करते हैं। कई लोगों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 के तहत ऐसी मुआवजा योजना के अस्तित्व के बारे में भी नहीं पता है। अकेले 2022 में देश भर में कुल 67,387 हिट-एंड-रन हुए। अदालत ने न्याय मित्र, अधिवक्ता गौरव अग्रवाल द्वारा संकलित आंकड़ों से बताया कि योजना के तहत केवल 205 मुआवजे के दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 95 दावों का निपटारा किया गया। अदालत ने हिट-एंड-रन दुर्घटना मुआवजे का दावा करने के लिए कई निर्देश दिए। समें कहा गया है कि दुर्घटना मामले के प्रभारी पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह मृत्यु की स्थिति में परिवार को, या घायल होने की स्थिति में पीड़ित को मुआवजा योजना के बारे में सूचित करे।