अमित शाह की टिप्पणी पर सपा का उग्र विरोध, जबलपुर में किया प्रतीकात्मक पिंडदान

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संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर समाजवादी पार्टी ने जबलपुर में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर चौक पर शाह का प्रतीकात्मक पिंडदान कर उनके बयान की निंदा की। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए गृह मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

विरोध प्रदर्शन का स्वरूप

जबलपुर के अंबेडकर चौक पर जुटे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री के बयान को “संविधान और बाबा साहब का अपमान” बताया। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में विरोध के पोस्टर और बैनर लिए नारेबाजी की। उन्होंने प्रतीकात्मक पिंडदान करते हुए कहा कि अमित शाह के इस बयान ने संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाई है।

सपा के जिलाध्यक्ष ने कहा, “गृह मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार संविधान के प्रति कितनी असंवेदनशील है। यह केवल बाबा साहब का अपमान नहीं है, बल्कि पूरे देश के दलित, पिछड़े और वंचित वर्गों का भी अपमान है।”

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

प्रदर्शन के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अमित शाह के बयान को संविधान के खिलाफ बताते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग की गई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की, तो पार्टी इस आंदोलन को और उग्र रूप देगी।

देशव्यापी विरोध का हिस्सा

यह विरोध प्रदर्शन केवल जबलपुर तक सीमित नहीं है। अमित शाह के बयान के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अन्य दलों ने भी इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला आगामी चुनावों में विपक्ष के लिए सरकार पर हमला करने का एक बड़ा हथियार बन सकता है।

अमित शाह के बयान पर विवाद

राज्यसभा में दिए गए अपने बयान में अमित शाह ने अंबेडकर के संदर्भ में एक टिप्पणी की थी, जिसे विपक्ष ने संविधान की अवमानना और अंबेडकर के योगदान को कमतर आंकने वाला करार दिया। हालाँकि, गृह मंत्री के कार्यालय से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषक इस घटना को एक संवेदनशील मुद्दा मान रहे हैं। उनका कहना है कि अमित शाह की टिप्पणी ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एकजुट होने का मौका दिया है। इसके साथ ही यह मामला दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों को प्रभावित कर सकता है।

जबलपुर में समाजवादी पार्टी का यह प्रदर्शन केवल स्थानीय घटना नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दे का हिस्सा है। अमित शाह के बयान के बाद देश में जो राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हुई है, वह आने वाले समय में और तेज हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष इसे किस हद तक भुनाने में सफल होता है

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