भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा में सबसे आगे….. सरपंच संघ के अध्यक्ष की ग्राम पंचायत डूंडादेई में जम के हुआ घोटाला
कैटल सेट की आड़ में कमीशन का खेल
रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में भ्रष्टाचार और गबन घोटालों की श्रृंखला थमने का नाम नहीं ले रही है। हर ग्राम पंचायत में फर्जी बिल लगाकर भयमुक्त भ्रष्टाचार आम बात हो चुका है। ऐसा ही नया मामला तहसील मुख्यालय घुघरी की जनपद पंचायत घुघरी की ग्राम पंचायत डूंडादेई का सामने आया है, जहां पर सरपंच संघ के अध्यक्ष खुद ही गबन घोटाले में संलिप्त नजर आ रहे हैं, जहां कैटल सेट के हितग्राहियों ने खुद अनुविभागीय अधिकारी को लिखित शिकायत की है कि सरपंच सालिक राम करचाम जिन्होंने हितग्राहियों के कैटल सेट की राशि का गबन किया गया है।
पत्रकार को झूठे केस में फँसाने का कर रहे लगातर प्रयास
जब भी कभी किसी निर्भीक पत्रकार के द्वारा अखबार में डूंडादेई ग्राम पंचायत की खबर प्रकाशित होती हैं तो ये सरपंच संघ के लेटरहेड में उनकी झूठी शिकायत करवाकर पुलिस और प्रशासन का डर दिखाकर अपने गबन घोटाले की खबर और पत्रकारों को झूठे केस में फँसाने का प्रयास किया जाता है। ये सरपंच संघ के अध्यक्ष जब स्वयं ही सारे भ्रष्टाचार की मुख्य जड़ हैं, तो अन्य पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार और फर्जी बिल क्यों नहीं लगेंगे, जब सरपंच संघ के मुखिया ही गरीब जनता के साथ छल करते हैं तो बाकी ग्राम पंचायत अछूती कैसे रह सकती हैं। अनैतिक रूप से बहुत से पत्रकारों की झूठी शिकायत सरपंच संघ के अध्यक्ष के द्वारा अनेक बार की जा चुकी है जिसमें ये अपने भ्रष्टाचार और गबन की खबरों को दबाने का प्रयास करते नजर आते हैं।
फर्जी बिलों की भरमार यहीं पर है
इस संबंध में जब रेवांचल की टीम ने कुछ ग्रामीण जनों से बात की तो नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा फर्जी बिलों की भरमार डूंडादेई ग्राम पंचायत में है। अभी आपको जानकारी होगी कि जनपद पंचायत घुघरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने नोटिस निकाला था, जिसमें आंगनवाड़ी के पैसों का भी आहरण कर लिया गया है, लेकिन उसकी वसूली के लिए भी आदेश हो चुके हैं, भले ही बीते कुछ वर्षों की बात हो, लेकिन जनपद पंचायत घुघरी की सबसे अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त डूंडादेई ग्राम पंचायत ही है। वहीं इस बार तो कैटल सेट का पैसा ही निकालकर खा गये वर्ष 2020 व 2021 डूंडादेईं में पशुधन केटल सेट निर्माण स्वीकृत हुए प्रत्येक हितग्राहियों से सरपंच के द्वारा पूर्व में प्रत्येक हितग्राही से एक हजार की राशि जमा कराई गई 24/8/24 को सरपंच के द्वारा सात हितग्राही को चौदह हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से भुगतान किया गया शेष राशि का दो से तीन दिन के अंदर देने की बात कही गई किंतु 30/8/2024 को जमा पिता शेखू को छै हजार ननुहा,पिता धोबा को छः हजार लमुआ पिता सुखना को आठ हजार दिया गया शेष हितग्राही को नही दिया गया कुल राशि एक लाख अन्ठानबे हजार में से एक लाख अठा रह हजार रूपये दिया गया अस्सी हजार रुपए पुष्पेंद्र चौकसे के द्वारा जी एस टी के नाम पर काट लिया गया सरपंच के द्वारा बोला गया कि 11 प्रतिशत के हिसाब से जी एस टी प्रत्येक हितग्राही पर लागू होगा लेकिन जनपद से राशि प्राप्त करने के बाद सरपंच के द्वारा बोला गया कि अब पच्चीस प्रतिशत के हिसाब से जी एस टी लगेगी जनपद पंचायत घुघरी में साहब लोगों को तीन तीन हजार रुपए दिया गया है हितग्राहियों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी घुघरी को शिकायत दी गई और मांग की गई कि पशुधन शेड की राशि दिलवाईं जाए एवं जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की जाए जब सरपंच संघ के अध्यक्ष के ये हाल हैं तो बाकि पंचायत में तो क्या होगा पता नहीं।
इनका कहना है..
जो हितग्राही के द्वारा समय पर बनवा लिए थे उनका भुगतान हो चुका है शेष बचे हितग्राहियों के खाते में पैसा नही जा रहा था तो पुष्पेंद्र चौकसे से बात कर वास्तव जी एस टी काटकर नगद भुगतान कर दिया गया है
सालिगराम करचाम, सरपंच डूंडादेई
जब इस संबंध में श्रुति कम्प्यूटर पुष्पेन्द्र चौकसे सलवाह से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हे फोन लगाया गया और जब कैटल सेट के भुगतान के संबंध में जानकारी लेना चाही गई तो उनके द्वारा कहा गया कि आवाज साफ नहीं आ रही है मैं लगाता हूं कहकर फोन काट दिया गया और मोबाइल बंद कर लिया गया..
मंडला जिले की ग्राम पंचायतों में लगातार सरकारी संपत्ति और सरकारी धन में लूट खसोट जारी है, जांच के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर जाँच अधिकारी कर्मचारी भी अपनी झोली भरने में पीछे नज़र नही आ रहे है और सरपंच सचिव उपयंत्री जनपद अध्यक्ष विधायक से सांसद सब अपनी अपनी रोटी सेक रहे है और हो रहे भ्रष्टाचार में भ्रस्टो को अभय दान दे कर उनका हौसला अपजाई कर है और विकास कागज़ी कार्यवाही औऱ कागजों तक ही सिमट कर रह गया हैं।
वही दूसरी ओर जब मीडिया कर्मी भ्रष्ट औऱ भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले पद का दुरुपयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी या फिर जनप्रतिनिधियों की ख़बरे प्रकाशन की जाती है तो पहले मना मनुल्लं या फिर लालच नही मानने पर खुली धमकी दी जा रही है कि या तो तुम हमारे साथ हो जाओ नही तो अंजाम के लिए तैयार रहो और फिर खेल शुरू हो जाता है झूठी शिकायतें फसाने की धमकी दी जा रही है भ्रष्टाचार कर करे अददन भ्रष्ट मिडिया कर्मियों को खरीदने के लिए ऐड़ी छोटी कर रहै जब मीडिया कर्मी नही माने तो झूठी शिकवा शिकायते कर इनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिशें की जा रही है।
शेष अगले अंक पर लगातार भ्रष्टाचार और भ्रस्टो के कारनामें की पोल खोलते रहेंगे….