निवास पोषण पुनर्वास केन्द्र की व्यवस्थाएं कुपोषण का शिकार स्वयं ही भोजन बनानें को मजबूर महिलाएं….जिम्मेदार मौन

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रेवांचल टाईम्स – मंडला. जिले के निवास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बनें पुनर्वास केंद्र इन दिनों अनियमित्ताओं का आलम दिख रहा है। पुनर्वास केंद्र निवास में कुपोषित मासूमों और उनकी माताओं को प्रोटोकॉल के अनुसार आहार और भोजन उपलब्ध कराने में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। शासन के द्वारा कुपोषित बच्चे व मां के लिए दिए जाने वाले भोजन एवं पौष्टिक आहार पर हेरा-फेरी का खेल चल रहा है। न बच्चो को पौष्टिक आहार चीजें मिल पा रही और न वहां पर बच्चे के साथ रुकने वाली उनकी मां को समय पर भोजन मिल पा रहा है। जब इस संबंध में मौजूद महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि पुनर्वास केंद्र पर बच्चे को लेकर रुकने वाली मां को जो खाना दिया जाता वह बत से भी बत्तर है। कहीं आधा पका हुआ चावल तो पानी जैसे दाल दी जाती लेकिन मजबूरन पेट की भूख शांत करने वहा पर रुकने वाली महिलाओं को रूखा-सूखा भोजन खाना पड़ रहा है। यही नही इस पूरे खेल में निवास बीएमओ की भूमिका भी संदिग्ध नजऱ आ रही है। वहां पर मौजूद महिलाओं ने जैसे ही सारी सच्चाई मीडिया को बताई। बाजू में खड़ी सारी बाते सुन रही है नर्स ने तत्काल बीएमओ को फोन कर जानकारी दे दी और बीएमओ ने सच बोलने वाली महिला को अपने मीटिंग हॉल में बुलाकर डांटते हुऐ दबबा बना शुरू कर दिया। यहां पर बनीं रसोईया का प्रति वर्ष टेंडर जारी होना चाहिए लेकिन यहां पर सब राम भरोसे चल रहा है। जिसका संचालन बिना किसी टेंडर के बीएमओ स्वयं कर रहे हैं। और पैसे की गठली अंदर कर रहें हैं। निवास बीएमओ डॉ. विजय पैग्वार से जब इस पुरे मामले पर बात की गई तो उनका कहना साफ था। ऐसा कुछ नही है। मेरे द्वारा खुद दाल चावल, एवं उसपर लगने वाला पूरा मसाला दिया जाता है। और खाना अच्छा बनता कोई भी शिकायत नहीं है। लेकिन इस बात को इनकार करते हुऐ महिलाओं का कहना है कि बीते 2 तीन दिनों से हम खुद खाना रसोई में बना रहे हैं तो खाना ठीक बन रहा है इसके पहले जानवर भी न खांए ऐसा खाना मिल रहा था। लेकिन इन सब बातों को इंकारते हुऐ। बीएमओ सिर्फ अपनी सफाई देते नजऱ आए और आंखों के समाने दिख रही सचाईयो की तस्वीरों को भी झूट साबित कर दिए।

इनका कहना है कि…

पूर्व में एक रसोईयां को रखा गया था लेकिन लापरवाही के चले उसे निकाल दिया गया है। जिसके चलते परिजन स्वयं ही खाना बना रहे हैं, मैंने स्वयं आधा किलो दाल, नमक, मिर्ची, महिला को दिया है, किसी भी महिलाओं पर मैं दबाव नही बना रहा हूं।

डॉ. विजय पैग्वार
बीएमओ निवास मंडला

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