कालाष्टमी व्रत के दिन जरूर करें ये खास उपाय, रोग-दोष इत्यादि से मिलेगी मुक्ति
सनातन धर्म में भगवान काल भैरव की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कालाष्टमी व्रत रखा जाता है और इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार भगवान काल भैरव की उपासना करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. वैदिक पंचांग में बताया गया है कि चैत्र मास में मासिक कालाष्टमी व्रत 01 अप्रैल 2024, सोमवार के दिन रखा जाएगा. आइए जानते हैं, कालाष्टमी व्रत से जुड़े कुछ विशेष उपाय.
चैत्र कालाष्टमी 2024 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 01 अप्रैल रात्रि 09:10 पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 02 अप्रैल रात्रि 08:10 पर होगा. मासिक कालाष्टमी व्रत पूजा निशिता काल में की जाती है. ऐसे में चैत्र कालाष्टमी व्रत 01 अप्रैल 2024, सोमवार के दिन रखा जाएगा.
चैत्र कालाष्टमी व्रत के दिन जरूर करें यह खास उपाय
- कालाष्टमी व्रत के दिन निशिता काल में भगवान काल भैरव की उपासना का विधान है. इसलिए इस विशेष दिन पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और नीला फूल, सिंदूर, तेल आदि इत्यादि से भगवान काल भैरव की उपासना करें. दौरान दही और गुड़ का भोग अवश्य लगाएं और मन ही मन अपनी मनोकामनाएं दोहराएं.
- चैत्र मास में कालाष्टमी व्रत सोमवार के दिन रखा जा रहा है. ऐसे में इस दिन भगवान काल भैरव की उपासना के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना का भी सौभाग्य प्राप्त होगा. इस विशेष दिन पर प्रातः काल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और बेलपत्र, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें.
- कालाष्टमी के दिन निशिता काल में भगवान काल भैरव के बीज मंत्रों का जाप जरूर करें. इसके साथ ‘ॐ ऐं क्लीं क्लीं क्लूं स: वं ह्रां ह्रीं ह्रूं आपदउद्धारणाय अजामल बद्धाय लोकेश्वराय स्वर्ण शांति धन धान्य आकर्षणाय सर्व ऋण रोगादि निवारणाय ह्रीं ओम कालभैरवाय नम:’ इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जरूर करें. ऐसा करने से रोग-दोष इत्यादि दूर हो जाते हैं, साथ ही अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.