जनपद पंचायत घुघरी बना भ्रष्टाचार का केंद्र पोर्टल में खुलेआम शो कर रहे है फर्जी बिल, फर्जी बिलों की भरमार सरपंच पति बने ग्राम पंचायत ढेको के मुखिया…

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रेवांचल टाइम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य मंडला जिला होने के कारण सरपंच से लेकर सांसद तक सभी सीटों पर आदिवासी नेताओ का कब्जा है और इस जिले के विकास की जिम्मेदारी इन्ही जनप्रतिनिधियों के हाथों में है, केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सरकार खुद चाहती है कि शासन की योजनाएं जो चलाई जा रही हैं उनका पूरा लाभ आम जनता तक सीधा पहुंचे और बिना किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार या कमीशन खोरी न हो लेकिन जब जिम्मेदार और चुने हुए प्रत्याशी चुनाव जीतकर आते हैं, तो शासन की योजना मे लगने वाली राशि को खुद की तिजोरी में रखे हुए धन समझकर बंदरबांट करने में कोई कसर नहीं छोड़ते..


आये दिन भ्रष्टाचार ग़बन के नये नये तरीके और नया कीर्तिमान स्थापित करने में लगे ही रहती है कहीं पंचायत में खुलेआम शराबखोरी हो या फिर पंचायत दर्पण में फर्जी बिल जो कि पंचायतों में लगे हुए वह बिल बिना दुकान संचालन के जारी हुए बिल ..
वही ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत ढेंको का आया है, जहां पर सरपंच पति के द्वारा फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों की सरकारी राशि निकालने को लेकर फर्जीवाड़ा किये जाने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है और सरकार के पोर्टल पंचायत दर्पण में साफ देखा जा सकता है जहाँ पर ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारो ने किस तरह से फर्जी बिल लगा कर सरकारी धन की सफाई करते हुए गबन किया गया है, पोर्टल में साफ देखा जा सकता है कि कैसे कैसे बिल लगे हुए है अधिकांश कोरे कागज लगाकर या कहें बिलों को पलटकर उल्टा लगाकर शासकीय राशि का गबन किया जा रहा है. जिससे कि कोई पढ़ न सके कि ग्राम पंचायत ने क्या खरीदा है और बिल किसका है कितना भुगतान हुआ कुछ भी पढ़ना नामुमिकन है इसके बाद भी भ्रस्ट सरपंच पति खुलेआम फर्जीवाड़ा कर रहा है न ही सचिव कुछ कर पा रहे है और न ही उपयंत्री, पंचायत इंस्पेक्टर, मुख्यकार्यपालन अधिकारी सब के सब आँखों में पट्टी बांध भ्रस्टो को भ्रष्टाचार करने की अनुमति दे दी है, क्योंकि इन के द्वारा जो भ्रष्टाचार करके कमाइए वह जाँच में उन्हें संरक्षण देकर उन्हें भ्रष्टाचार करने में बढ़ावा दे रहे और उनसे अच्छी खासी राशि बतौर रिश्वत ली जा रही हैं।
जबकि सरपंच शांति उर्वेदी हैं लेकिन सरपंच पति तीरथ उर्वेदी खुलेआम शासन की राशि का बंदरबांट करने में लगे हुए हैं इन फर्जी भुगतानों की जानकारी स्वयं सरपंच को नहीं है जो कि स्वयं सरपंच होने के नाते इस जिम्मेदार पद पर विराजमान हैं और पूरा काम सरपंच पति देख रहे है
इस विषय पर जब रेवांचल टाइम्स की टीम ने जानकारी चाही तो नाम न बताने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच पति ही पूरा काम देख रहे हैं और बिना काम के ही शासकीय राशि को फर्जी बिलों और लिपाई पुताई के नाम से आहरण किया गया है
शासकीय राशि को किराना दुकान और हार्डवेयर दुकान पर भुगतान किया गया है
इस प्रकार देखने मिल सकता है कि जिन ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच हैं वहां पर सरपंच पति ही सरपंची करते नजर आ रहे हैं, और सचिव से जब इस विषय पर जानकारी ली गई तो उन्होने ही बताया कि सरपंच पति ही पूरा काम देखते हैं और जो मन मे आता है वह कर रहा हमने इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है पर कोई कार्यवाही हो ही नही रही हम क्या कर सकते है हमे तो नोकरी करनी है सरपंच तो कुछ कहती नही वह केवल नाम की है लेन देन कागज़ी कार्यवाही सब वही करता है घुघरी की अधिकांश पंचायतों में फर्जी बिल लग रहे है बहुत से बिलो में म न जी एस टी है और कुछ बिलो में तो बिना लिखें ही बिल लग रहे नाम का पोर्टल कोई नही देख रहा सब फर्जीवाड़ा हो रहा हैं।…

इनका कहना है –
ग्राम पंचायत के पंचायत दर्पण में आप देख सकते हैं कि कितने काम हुए हैं और कितने फर्जी बिलों के माध्यम से शासकीय राशि का आहरण किया गया है, ये सब अधिकारियों की साठगांठ से फर्जी बिल लगाकर सरकारी राशि मे बदंर बाट कर रहे है और शिकायत के बाद लीपापोती कर भ्रस्टो को भ्रष्टाचार में सहयोग दिया जा रहा है इस जिले में कोई सुनने वाला नही है।
सतीश कुमार
ग्रामीण ढेंकों..

सरपंच पति ही पूरा काम देखते हैं और पुष्पेन्द्र ऑपरेटर के द्वारा ही बिल लगाए जाते है मेरी जानकारी में नही है
अघनू सिंह
सचिव ढेंकों.

आपने जानकारी दी है तो मैं इसकी जांच कराऊँगा और जो भी दोषी पाया जायेगा उन पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
गायत्री कुमार सारथी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत घुघरी

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