आखिर सार्वजनिक प्याऊ को तोड़ा किसने ग्रामीण जनों की प्यास बुझाने का एक मात्र साधन जिसको दबंगों ने किया नेस्तनाबूद, ये जांच का विषय….
रेवांचल टाइम्स मंडला- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले की तहसील मुख्यालय घुघरी इन दिनों आये दिन सुर्खियों में बनी ही रहती है कहीं दबंगई से आदिवासी के मकान को बिना सूचना के तोड़ दिया जाता है..तो कहीं फर्जीवाड़े के खेल चलते रहते हैं। ये तरह तरह के खेल इस विकास खंड होना आम बात हो चुकी है और दबंग लोग गरीब जनता या उनके हक पर दबंगाई दिखाना ये आम बात हो चुकी औऱ लगता है कि ये विकास खण्ड जिले का सबसे पिछडा औऱ असहाय सा है जहाँ पर केवल ग़रीबो पर अत्याचार करने वालो की वाह वाही होती है और इस विकास खंड में न जनप्रतिनिधि है और न स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार सब के सब इन दबंगों के आगे नतमस्तक नज़र आ रहे है और गरीब जनता आज भी परेशान नज़र आ रही हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक नया कारनामा सामने आया है जहाँ दबंगाई और निजी स्वार्थ के चलते गर्मी के सीजन में जहाँ दूर दूर से गरीब आदिवासी औऱ अन्य लोग बस स्टैंड में बने सार्वजनिक प्याऊ से सूखे कंठ की प्यास बुझाते थे वह भी अब दबंगाई की भेंट चढ़ गया हैं और विकास खण्ड के जनप्रतिनिधि औऱ स्थानीय प्रशासन ने देख के भी अनदेखा कर ली है औऱ तहसील मुख्यालय घुघरी का है जहां पर सार्वजनिक शौचालय में निर्माण किये गये सार्वजनिक प्याऊ का है जिसका निर्माण समाजसेवी और शिवानी मेडिकल के संचालक बालकृष्ण चौरसिया के द्वारा माता पिता की स्मृति चिन्ह के रूप में इनके द्वारा निर्मित सार्वजनिक प्याऊ का निर्माण कराया गया था लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि सार्वजनिक प्याऊ को तोड़ना पड़ा, लेकिन जब इस संबंध में रेवांचल की टीम ने ग्राम पंचायत से जानकारी लेना चाही तो सचिव महोदय द्वारा पूरा आरोप सड़क कम्पनी पर मढ दिया और जिम्मेदार सचिव महोदय को यह भी पता नही की तोड़ने के लिए प्रस्ताव किसने माँगा और ये बताया गया कि प्रस्ताव करके ही तोड़ा गया है और जब इस संबंध में रेवांचल की टीम ने सड़क कम्पनी जी.आर.टी सी.के जिम्मेदार कर्मचारियों से बात की तो जानकारी मिली तो उनका साफ कहना था कि हमने तो तुड़वाया ही नहीं है हमे सड़क निर्माण करने के लिए पर्याप्त जगह मिल चुकी है औऱ हमे जगह की आवश्कता होती तो पहले हम स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना कोई कार्य नही करते हैं कम्पनी के जो नियम है और आवश्कता अनुसार सब पहले स्वीकृत मिल चुकी है जहाँ तक हमे भी जानकारी है कि ये सब हमारे आड़ में घुघरी के कुछ दबंग लोगो ने तुड़वाई है. हमें जरूरत ही नहीं है प्याऊ तोड़ने की आवश्कता नहीं है जहां जितनी जगह होगी हम उतने में ही सड़क निर्माण कर रहे हैं, किसी का भी अहित नही करते है ये जो कृत्य किया गया है वह जी आर टी सी कम्पनी के द्वारा नहीं किया जा रहा है।
इनका कहना है कि…
सार्वजनिक रूप से बैठक करके प्रस्ताव करके सार्वजनिक प्याऊ को तोड़ा गया है..
शिवदास बैरागी
सचिव
ग्राम पंचायत घुघरी
हमारे द्वारा किसी भी तरह से सार्वजनिक प्याऊ को नहीं तोड़ा गया है, तो अनुमति किस बात की सार्वजनिक प्याऊ को तोड़ने का काम विनय चौकसे ने किया है..
और जितनी जगह मिल रही है.उतने में ही सड़क निर्माण कर रहे हैं..
राजेश राय
ठेकेदार
जी.आर.टी सी.
हमारे द्वारा घुघरी के सार्वजनिक प्याऊ को नहीं तोड़ा गया है घुघरी के ही कुछ लोगों के द्वारा इसको तोड़ा गया है और नाम हम लोगों का आ रहा है जबकि ये गलत है.. हमें आवश्यकता ही नहीं है तोड़ने की औऱ अगर तोड़ते तो अस्थायी व्यवस्था बना कर देते नियम अनुसार..
मनीष वर्मा
ठेकेदार
जी.आर.टी.सी.