एकादशी पर विष्‍णु जी को प्रसन्‍न करने का अचूक तरीका, बस करने होंगे ये 2 आसान काम

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हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है और उसमें भी वैशाख महीने के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी तो बहुत खास होती है. इसे वरुथिनी एकादशी कहते हैं. वरुथिनी एकादशी का गुरुवार के दिन पड़ना तो और भी शुभ संयोग है. एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है. जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों का नाश होता है. आज वरुथिनी एकादशी की पूजा का पूरा फल पाने के लिए विष्णु चालीसा पढ़ें. साथ ही पूजा के आखिर में विष्‍णु जी की आरती पढ़ें.

हिंदू धर्म में वरुथिनी एकादशी का बेहद महत्व है. भगवान विष्णु को समर्पित ये पर्व वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. यानी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. पंचाग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 23 अप्रैल 2025 को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर हुआ. इसका समापन आज 24 अप्रैल 2025 की दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर होगा, ऐसे में आज यानी गुरुवार 24 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है. मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमों से वरुथिनी एकादशी का व्रत करते हैं, उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और भाग्य चमकने लगता है. इन सब से अलग वरुथिनी एकादशी पर कुछ खास उपाय को भी विशेष फलदायी माना गया है.

मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर कुछ विशेष उपाय करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है.

वरुथिनी एकादशी पर करें ये विशेष उपाय

तुलसी दल से विष्णु पूजन 

वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है. विष्णुजी को तुलसी बेहद प्रिय हैं. ऐसे में वरुथिनी एकादशी पर नारायण की पूजा के समय उन्हें पीले फूल, धूप-दीप के साथ-साथ तुलसी दल जरूरत अर्पित करें. ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

पीले रंग की चीजों का दान करें

वरुथिनी एकादशी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना और जरूरतमंदों को पीले रंग की चीजें दान करना बेहद शुभ माजा जाता है. यह रंग भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है.

दान-पुण्य करें

पीले रंग से अलग इस दिन अन्य दान को भी बेहद शुभ माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल से भरे घड़े या तांबे के पात्र का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. वरुथिनी एकादशी पर किया गया दान कई गुना फलदायी होता है.

संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें

निसंतान दंपती के लिए वरुथिनी एकादशी के दिन विष्णु पूजा के समय संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना गया है.

एकादशी व्रत रखें

इन सब से अलग माना जाता है कि जो भक्त वरुथिनी एकादशी पर निर्जला व्रत या फलाहार पर रहकर इस दिन व्रत करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.  मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत से 10,000 सालों तक तप के बराबर फल मिलता है. वहीं, व्रत के दौरान श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना गया है.

 

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