मंडला में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला: तीन कियोस्क सेंटर सील, 500 से अधिक दस्तावेजों का खुलासा

एसडीएम की कार्रवाई में डिजिटल सबूत जब्त, बड़े फर्जीवाड़े की आशंका

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रेवांचल टाइम्स, मंडला। जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार किए जाने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई में मंडला, बकौरी और निवास में संचालित तीन कियोस्क/कंप्यूटर सेवा केंद्रों को सील कर दिया गया है। प्राथमिक जांच में इन केंद्रों से अब तक करीब 500 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने की पुष्टि हुई है। मामले की जांच एसडीएम मंडला के नेतृत्व में की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, लालीपुर चौराहा, मंडला स्थित यश कंप्यूटर सेंटर, जिसका संचालन केशु पटेल द्वारा किया जा रहा था, पर 23 अप्रैल को प्रशासनिक टीम ने औचक निरीक्षण किया। जांच में यह सामने आया कि सेंटर द्वारा ग्राहकों की निजी जानकारियां  जैसे आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि  एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए संस्कार ग्राहक सेवा केंद्र (चिलमन चौक, मंडला) और मिन्टू कंप्यूटर (निवास) को भेजी जा रही थीं, जहां फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार किए जाते थे। इसके एवज में संचालकों द्वारा अवैध रूप से राशि भी वसूली जा रही थी।

जांच दल को यश कंप्यूटर से महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य प्राप्त हुए, जिसके आधार पर एक सीपीयू को जब्त किया गया और सेंटर को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार, नजूल प्रबंधक ई-गवर्नेंस और सहायक प्रबंधक ई-गवर्नेंस निवास भी उपस्थित रहे।

इसी तरह, बकौरी क्षेत्र में संचालित प्रवीण कुमार झारिया और आशीष कुमार वरकड़े के कियोस्क सेंटरों पर भी प्रशासन की निगरानी में जांच की गई। जांच में पाया गया कि इन दुकानों में सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया में अनियमितताएं की जा रही थीं। अनुविभागीय अधिकारी मंडला और तहसीलदार ने अनियमितताओं की पुष्टि के बाद दोनों दुकानों को सील कर दिया। चाबियां विधिवत रूप से संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच को सौंप दी गई हैं।

एसडीएम मंडला ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह भी जांच का विषय है कि इन फर्जी प्रमाण पत्रों का उपयोग किन सरकारी और निजी कार्यों में किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में बकौरी के एक सेंटर संचालक ने स्वीकार किया है कि 450 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए गए हैं।

प्रशासन अब उन व्यक्तियों की पहचान करने में जुटा है, जिन्होंने इन फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से लाभ प्राप्त किया है। एसडीएम ने कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी और फर्जी दस्तावेज निर्माण या उपयोग पर कड़ी दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

 

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