टेंडर के बाद भी पीडब्ल्यूडी की निष्क्रियता, भ्रष्टाचार की आशंका?
मंडला, 15 दिसंबर 2024: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंडला के नैनपुर उपसंभाग के अंतर्गत आने वाले कई विकास कार्यों में लापरवाही और देरी ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमानुसार, किसी भी कार्य का टेंडर होने के एक महीने के भीतर काम शुरू हो जाना चाहिए, लेकिन यहां छह महीने बाद भी कोई काम शुरू नहीं हुआ।
छह महीने से अटकी पुल-पुलियों की मरम्मत
मक्के बंधा-राता रोड और सर्री-जैदेपुर रोड पर स्थित कई पुल-पुलिया पिछले लंबे समय से क्षतिग्रस्त हैं। इन पुल-पुलियों की स्थिति इतनी खराब है कि हादसों का खतरा बना हुआ है। छह महीने पहले इनकी मरम्मत के लिए टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी और कथित तानाशाही के चलते आज तक काम शुरू नहीं हो पाया।
स्थानीय निवासियों ने सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं दिखा। सवाल उठता है कि टेंडर के बाद भी काम क्यों नहीं हो रहा? क्या यह लापरवाही है या फिर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती बंदरबाट की योजना?
खड़देवरा चौराहे पर एप्रोच रोड में गड़बड़ी
खड़देवरा चौराहे के पास पेट्रोल पंप से बस्ती तक बनाई गई एप्रोच रोड में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार:
- पटरी में मुर्रम का दावा झूठा: माप पुस्तिका में उल्लेख है कि सड़क के दोनों तरफ मुर्रम डाली गई है, लेकिन जमीन पर इसका कोई निशान नहीं है।
- मील का पत्थर गायब: मील का पत्थर लगाने का दावा भी वास्तविकता से दूर है।
- सड़क की मोटाई संदिग्ध: रोड की मोटाई माप पुस्तिका में बताए गए मानकों से कम है, जो एक गंभीर अनियमितता है।
प्रशासन की उदासीनता और भ्रष्टाचार का अंदेशा
स्थानीय लोगों का मानना है कि मरम्मत कार्य की देरी और निर्माण में गड़बड़ियां भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं। टेंडर के बाद भी काम न शुरू होना और माप पुस्तिका के विपरीत निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की गंभीर आशंका पैदा करता है।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही उनके लिए मुसीबत बन गई है। खराब पुल-पुलियों और अधूरी सड़क के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
स्थानीय निवासी रमेश यादव ने कहा, “यदि समय पर पुल-पुलियों की मरम्मत हो जाती, तो कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता था। अब सवाल यह है कि टेंडर के बाद भी काम क्यों नहीं हो रहा? क्या विभाग बंदरबाट की तैयारी कर रहा है?”
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अरविंद सिंह के अनुसार, “अगर माप पुस्तिका के विपरीत काम हुआ है, तो यह एक गंभीर मामला है। ऐसे में गुणवत्ता की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होना जरूरी है।”
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
टेंडर के बाद काम शुरू न होना और गुणवत्ता से समझौता करना प्रशासनिक विफलता को उजागर करता है। यह स्थिति न केवल भ्रष्टाचार की आशंका को बल देती है, बल्कि जनता के प्रति प्रशासन की उदासीनता को भी दिखाती है।
जनता की मांग: जांच और कार्रवाई हो
क्षेत्रीय लोग मांग कर रहे हैं कि:
- टेंडर के बाद अब तक काम न शुरू होने की जांच की जाए।
- मक्के बंधा-राता रोड और सर्री-जैदेपुर रोड की पुल-पुलियों की मरम्मत कार्य तत्काल शुरू कराया जाए।
- खड़देवरा चौराहे की एप्रोच रोड में गड़बड़ियों की जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
पीडब्ल्यूडी मंडला की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए गंभीर चुनौती हैं। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो न केवल जनहानि का खतरा बढ़ेगा, बल्कि प्रशासन की छवि पर भी गंभीर आघात होगा। जिम्मेदार अधिकारियों और विभागों को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।