जनपद उपाध्यक्ष और पंच के समर्थन में ग्रामीणों का प्रदर्शन: प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
मंडला।
जनपद पंचायत मंडला के उपाध्यक्ष संदीप सिंगौर और ग्राम पंचायत ग्वारा के पंच लेखराम जंघेला के समर्थन में बड़ी संख्या में ग्रामीण मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने जनसुनवाई में भाग लेते हुए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने सरपंच ममता उइके द्वारा दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ की गई कथित झूठी एफआईआर को निरस्त करने और मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ममता उइके ने आरोप लगाया है कि उपाध्यक्ष संदीप सिंगौर और पंच लेखराम जंघेला ने बिना शासकीय अनुमति और नीलामी प्रक्रिया के प्राथमिक शाला भवन को ध्वस्त कर उसके मलबे को हटा दिया। ग्रामीणों ने इन आरोपों को निराधार और राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया।
ग्रामीणों का पक्ष
ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक शाला भवन जर्जर हो चुका था और उसमें पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर खतरा था। कई बार सरपंच को इसकी मरम्मत या दीवार हटाने के लिए सूचित किया गया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। अंततः गांववासियों, उपसरपंच, और पंचायत के अन्य सदस्यों ने सामूहिक सहमति से पंचनामा तैयार कर माध्यमिक शाला भवन की जर्जर दीवारों को ध्वस्त किया और मलबे को सुरक्षित स्थान पर रख दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच खुद 2023-24 में शाला भवन के अन्य जर्जर हिस्सों का मलबा बेचे जाने की प्रक्रिया में शामिल रही हैं। उन्होंने इस आरोप का समर्थन करते हुए बताया कि जिला पंचायत मंडला की जांच टीम ने 29 जून 2023 को अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि सरपंच और सचिव ने बिना नीलामी के भवन का मलबा बेचा था।
सरपंच पर लगाए आरोप
ग्रामीणों ने सरपंच ममता उइके पर पद का दुरुपयोग करने और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने जर्जर दीवारों को समय रहते नहीं हटाया, जिससे रामलीला और नवरात्रि जैसे आयोजन के दौरान बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रही।
प्रशासन से की मांग
ग्रामीणों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए उपाध्यक्ष संदीप सिंगौर और पंच लेखराम जंघेला के खिलाफ दर्ज झूठी एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने सरपंच ममता उइके के खिलाफ भी कार्रवाई की अपील की है।
पुलिस अधीक्षक से मुलाकात
जनसुनवाई के बाद ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की मांग की। उनका कहना है कि राजनैतिक दबाव में आकर सरपंच ने इन पदाधिकारियों को फंसाने का प्रयास किया है।
ग्रामीणों का रुख
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे न्यायिक जांच के माध्यम से सच्चाई सामने लाने के लिए संघर्षरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले में निष्पक्षता बरतनी चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए।
(फोटो: जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीण; पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते ग्रामीण)