व्यवहार न्यायालय शहपुरा में नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन
डिंडोरी: मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी के अध्यक्ष के मार्गदर्शन में शनिवार को जिलेभर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसी क्रम में शहपुरा व्यवहार न्यायालय परिसर में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रकरणों का निपटारा आपसी समझौते के आधार पर किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ शहपुरा के वरिष्ठ खंड व्यवहार न्यायाधीश सीताशरण यादव ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। उनके साथ कनिष्ठ खंड व्यवहार न्यायाधीश दिलीप पाटिल, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी मुकेश अबिंद्रा, थाना प्रभारी शिवलाल मरकाम, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दयाराम साहू सहित न्यायालयीन कर्मचारी और बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।
432 प्रकरणों का त्वरित निपटारा
नेशनल लोक अदालत में शहपुरा व्यवहार न्यायालय हेतु गठित दो खंडपीठों में कुल 432 प्रकरणों पर सुनवाई हुई। इनमें से 45 आपराधिक, 3 सिविल, 2 एनआई एक्ट (चेक बाउंस), 3 भरण-पोषण, और 2 अन्य मामलों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया। इसके अलावा नगर परिषद और बैंकों द्वारा प्रस्तुत 432 प्री-लिटिगेशन मामलों में से 8 प्रकरणों को सुलझाया गया, जिसमें 4,20,013 रुपये की वसूली समझौता राशि के रूप में हुई।
पक्षकारों को वितरित किए गए पौधे
लोक अदालत की खासियत यह रही कि न केवल कानूनी मामलों का समाधान किया गया, बल्कि न्यायालय की ओर से सामाजिक संदेश भी दिया गया। निपटाए गए मामलों में पक्षकारों को फलदार और छायादार पौधे वितरित किए गए। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए थी, बल्कि यह भी संदेश दिया गया कि पुरानी रंजिशों को खत्म कर नई शुरुआत करें।
सौहार्द्र का वातावरण
नेशनल लोक अदालत के इस आयोजन ने कई वर्षों से लंबित विवादों को सुलझाने में मदद की। पक्षकारों ने आपसी रंजिश भुलाकर समझौते के माध्यम से न केवल मामलों का निपटारा किया, बल्कि खुशियों के साथ अपने घर लौटे। लोक अदालत की यह पहल कानून के सरल और सुलभ रूप को प्रदर्शित करती है, जहां सुलह और संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान होता है।
इस आयोजन ने न केवल कानून व्यवस्था के प्रति नागरिकों का विश्वास बढ़ाया, बल्कि यह भी साबित किया कि वैमनस्य और विवादों का हल आपसी संवाद और सहयोग से संभव है। शहपुरा व्यवहार न्यायालय की यह पहल समाज में सौहार्द्र और शांति का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।