रसोईयों को चार महीने से नहीं मिला मानदेय,परिवार में आर्थिक संकट गहराया

सरकार ने नहीं किया रोजगार रैगुलर,धीरे-धीरे किया जा रहा है काम से अलग रसोईया संघ के आवाहन पर सांकेतिक धरना में जुटे हजारों रसोईया

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दैनिक रेवांचल टाइम्स मंडला रसोईया संघ के सामूहिक आवाहन पर शनिवार 3 फरवरी को जिले भर के रसोईया कलेक्ट परिसर के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन, रैली ,ज्ञापन कर अपनी मांगों को रखते रहे।
रसोईया उत्थान संघ समिति के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने जानकारी दी है,कि 3 फरवरी शनिवार को कलेक्ट्रेट के पास जिले भर के हजारों रसोईया एकत्रित होकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर विशाल रैली के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी स्थानीय मांगों के सहित मुख्य मांगों को सरकार के समक्ष रखे हैं। अल्टीमेटम ज्ञापन में कहा है कि तीन दिन में मानदेय नहीं मिलने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उत्थान संघ समिति मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ साहू ने बताया कि मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइयों को पिछले 4 महीने का मानदेय अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।रसोईया संघ जिला अध्यक्ष रजनी पटेल ने बताया कि उनका मानदेय समय पर भुगतान नहीं किया जाता है। जिसके कारण उनके परिवारों में आर्थिक संकट हमेशा बना रहता है। संगठन मंत्री कुंवर सिंह मरकाम ने बताया कि इसी विधानसभा चुनाव के पहले से ही महज 4000 चार हजार रुपए प्रति महीने रसोइयों को दिये जाने की घोषणा हुई है। इसके पहले दो हजार मासिक पांच वर्षों से मिलता आ रहा था।वह भी चार महीने से मिला नहीं है।जो भीषण मंहगाई के चलते छोटे से परिवार को भी पालने के लिए नाकाफी होता है। रसोइयों ने सरकार पर आरोप लगाया है,कि वर्तमान में कुछ प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के मर्ज होने के कारण जिले के बहुत सारे रसोइयों को काम से अलग कर दिया जा रहा है।जिसके कारण उनके हाथ से छोटी सी रोजी-रोटी भी छिनती जा रही।ऐसे रसोईयों के परिवार पर भारी संकट छा रहा है।उनका कहना है,कि 25_ 30 वर्षों से सरकार की सेवा करने के बाद बुढ़ापा आते-आते उनका काम से निकाल दिया जाना ठीक नहीं है।उनकी मांग है, उनको काम से ना निकालते हुए स्कूल में ही मर्ज किया जाए‌‌। रसोईया संघ से रजनी पटेल ,जयंती अहिरवार,तीरथ साहू, सुरेश बघेल,कुंवर मरकाम ,गायत्री पड़वार,गंगोत्री विश्वकर्मा,गनपत छांटा सहित अन्य पदाधिकारियों ने यह भी मांग की है,कि सरकार जल्द ही उनकी मुख्य मांगों को लोकसभा चुनाव के पहले पूरी करे।उनके मानदेय को बढ़ाकर कम से कम ₹15000 मासिक वेतन दिया जाए। तब जाकर परिवार का भरण पोषण भीषण मंहगाई के इस जमाने में गरीबी गुजारा से हो सकता है। रसोईयों ने बताया कि रसोईया अपने परिवार में बच्चों को ठीक से शिक्षा नहीं दिला नहीं पाते हैं। बीमारी लाचारी के चलते अच्छे से दवा इलाज भी नहीं करा पाते हैं ‌अच्छे से पौष्टिक आहार भी उनके परिवार को नहीं दिला पाते हैं। परिवार की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती हैं। आकस्मिक परिस्थिति निर्मित होने पर उनके पास कुछ भी बचत राशि नहीं हो पाती है। ना ही उनको रिश्तेदार परिवार में कोई कर्ज उधार देने विश्वास कर पाता है। ऐसी स्थिति में रसोईया वर्ग सरकार से लंबे समय से मांग लगातार करता आ रहा है। बावजूद इसके सरकारों के द्वारा उनकी माली हालत पर विचार अब तक भी नहीं किया जाना निंदनीय है। सांकेतिक हड़ताल के दौरान अल्टीमेटम दिया गया है,कि तीन दिवस के अंदर उनका रुका हुआ मानदेय उनके खाते में आ जाना चाहिए साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए लागू होने वाली आचार संहिता के पहले उनका मानदेय बढ़ाकर कम से कम ₹15000 मासिक होना चाहिए।वरना आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।इस धरना प्रदर्शन में सभी रसोईया संघ
एकजुट होकर आगामी संघर्ष को गति देने का संकल्प लिए हैं। इस मौके पर आम आदमी पार्टी से चंद्रगुप्त नामदेव,भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों सहित अन्य संगठनों का भी समर्थन मिला है।

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