कार्यवाही कारने लिए दर-दर भटक रहे हैं ग्रामीण निरंतर जिम्मेदार दे रहे हैं नाकामी का परिचय…..

पांजरा पंचायत का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर

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दैनिक रेवाचल टाइम्स केवलारी – इन दिनों भ्रष्ट और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए सरकार अथक प्रयासों में लगी हुई है वहीं प्रदेश से लेकर जिले और जिले से लेकर गांव-गांव तक भ्रष्टाचार हावी होते नजर आ रहा है ।जिम्मेदारों द्वारा मानो ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार को दे रहे हैं बढ़ावा इसी तर्ज में मामला सामने आया है केवलारी जनपद का जो निरंतर विभिन्न अनियमिताओं को लेकर अखबारों एवं प्रशासन के संज्ञान में बनी हुई है फिर भी जिम्मेदारों का ना जगना इस बात का दर्शा रहा है जैसे कि मानो खुलेआम भ्रष्टाचार करो कार्यवाही के नाम पर मंत्रमुग्ध बन बैठे हैं जिम्मेदार। पूरा मामला केवलारी जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पांजरा का है जहां पर भ्रष्ट सचिव अनिल तिवारी द्वारा मनमानी करते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जीवाड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।अपने और अपनी चाहतों की जेब भरने के लिए भ्रष्ट सचिव अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पंचायत में खेल रहा है शासकीय पैसों की होली कर रहा है मनमानी शासकीय पैसों का दुरुपयोग कर फर्जी बिल लगाकर निकल रहा है लाखों की राशियां एवं डाल रहा है गरीबों के हक पर ढाका एवं भर रहा है अपनी और अपनी चाहतों

ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है आरोप….?

दैनिक रेवांचल टाइम्स समाचार पत्र के सह संपादक अखिलेश बन्देवार द्वारा जाकर ग्रामीणों से बात की गई तो वही ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा पंचायत द्वारा हुए भ्रष्टाचार एवं विभिन्न अनियमिताओं एवं फर्जी बिलों को लेकर सचिव द्वारा किए गए अपराधिकृतों को लेकर हमारे द्वारा संबंधित सभी अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई है।एंव हमारे द्वारा सी एम हेल्प लाइन 181 में भी शिकायतें की गई हैं मगर जिम्मेदारों का कार्रवाई न करना इस बात को दर्शा रहा है कि किस स्तर से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचारों की वारदातों को दे रहे हैं अंजाम जिम्मेदारों की मिलीभगत से भ्रष्ट सचिवों अनिल तिवारी जैसों के हौसले हैं बुलंद।

ग्रामीण ग्राम पंचायत पांजरा

शिकायतों के बाद भी नहीं हो रही है कार्यवाही….

वही ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि हमारे द्वारा जिला कलेक्टर जनपद जिला पंचायत सीईओ एवं सभी अधिकारियों को हमारे पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर लिखित शिकायत किए हैं जिसके चलते आज 15 दिवस के आसपास हो गया है किसी भी तरह का सुखद परिणाम एवं निष्पत जांच अभी तक सामने नहीं आई है इस बात को दर्शा रही है कि कैसे जिम्मेदार अधिकारियों का सुस्त रवैया नाकामी का परिचय दे रहा है एवं भ्रष्ट सचिव अनिल तिवारी जैसे लोगों को दे रहा है बढ़ावा कर रहा है हौसले बुलंद।

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