पिता नही है… मां ने दूसरी शादी कर ली…पति ने घर से भगा दिया….आखिरकार देर से मिल ही गई मदद
रेवांचल टाईम्स – मण्डला ज़िले के नैनपुर में जब मनुष्य के ह्रदय में संवेदनाओं के ज्वार फूटते हैं तो वह रिस्ते नातों को दरकिनार कर भावनाओ से जुड़ जाते है, कुछ इसी तरह की काम कर पागलों सी जिंदगी बसर करने वाली नकई रजक ने नगर के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया जिसने खुद अपनी पीड़ा भूलकर एक अनजान की पीड़ा को अपना दर्द समझकर उसे अस्पताल तक पहुंचाया जाहिर है कि नकई रजक नाम की एक महिला जो बस स्टैंड में ही रहते हुये मांगती खाती मुफलिसी में अपनी जिंदगी बसर कर रही है जो मूल रूप से कानपुर निवासी बताई जाती है बताया जाता है कि काफी लंबे अरसे पहले नकई के पिता रेल्वे में कपड़े धोने का कार्य करते थे, पिता के देहांत के बाद नकई नगर की हो कर रह गई इसके दोनो लड़के मानसिक तौर पर कम दिमाग के थे जिसमें से एक गाड़ी में बैठ के जो गया तो आज तक नहीं लौटा जबकि दूसरा राजू था जो पिछले कुछ दिन पहले ही बस स्टैंड में अचानक शांत हो गया जब से ही नकई अकेले रह गई चार दिन पहले इसे एक पीड़ित पूजा बघेल नाम की लड़की मिली जो बस स्टैंड में घूम रही थी जिस को पैर में तकलीफ थी इस बात को नकई ने नगर के कुछ लोगो को बताई मगर कोई मदद नही मिली यह बात नगर के पत्र कार दीपक शर्मा से उसने कही एक ऑटो से उसे फौरन सिविल अस्पताल नैनपुर लाया गया पीड़िता पूजा कोल जिस के पैर में बदबू आ रही थी पैर खुलवा के देखा गया तो पैर में कीड़े पड़ गए थे ड्रेसर की मदद से कीड़े साफ करवा के ड्रेसिंग करवाई गई अब वह अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती है, अपेक्षा है कि अगले तीन चार दिन तक लगातार ड्रेसिंग के बाद वह स्वस्थ हो जायेगी इस मामले में जिस नकई जैसी महिला की संवेदनाएं खुलकर सामने आई, नगर में कुछ देर का आनंद लेने के लिए जिसे लोग अपनी फब्तियां कसने से भी नही कतराते थे, पागल कहते है, उस ने उस पूजा नाम की बच्ची के दर्द को समझा अपने पास रखकर उसका उपचार कराने की मंशा रखी,पूजा की उम्र लगभग 23 साल है, उसके दर्द में मर्म का काम नकई ने किया है, सिविल अस्पताल में अब नकई पूजा का पूरा ख्याल रख रही है, उसकी जरूरत पूरी कर रही है- ये काम इस सभ्य समाज में और भी लोग कर सकते थे पर दो दिन से उसके पैर में भारी बदबू आ रही थी लोग नाक में रूमाल लगा के निकलते रहे, मगर पागल कहलाने बाली नकई के हृदय में एक मां का ममत्व आज सेवा के रूप में देखने को मिला नमन है ऐसी सेवा को पूजा ने बताया की वह जबलपुर की रहने वाली है पिता नही है मां ने दूसरी शादी कर ली पति ने इसे घर से भगा दिया तो बिरसा थाना से बालाघाट आई वहा से पुलिस वाले ने बस में बैठा दिया और बस वाले ने पूजा को नैनपुर में उतार दिया।