जिले में पेसा एक्ट का क्रियान्वयन शून्य..

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में कई तरह के नियम कानून शासन प्रशासन द्वारा लागू तो किये जा रहे हैं लेकिन उनका कितना क्रियान्वयन कितना हो रहा है शायद इस बात की समीक्षा शासन प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। यही वजह है कि कई तरह के नियम कानून हकीकत के धरातल में कम लगता है कागज में ज्यादा क्रियान्वित हो रहे हैं। काफी समय पूर्व मध्यप्रदेश के मंडला जिले में भी पेसा एक्ट लागू किया गया है इस एक्ट का कितना पालन इस जिले में हो पा रहा है यह सभी को ज्ञात है। अधिकांश लोगों का कहना है कि पेसा एक्ट का उल्लंघन इस जिले में हो रहा है। चर्चा तो यह भी चल रही है कि काफी लंबे समय बाद भी मंडला जिले के सभी ग्रामों में पेसा एक्ट की सभी समितियों का गठन ठीक तरह से नहीं हो पाया है। समीतियों को अधिकार अभी तक मिले हैं या नहीं इस बात की जानकारी समितियों को भी नहीं है । समीति भी इस समय निष्क्रिय बनी हुई है। क्योंकि शासन प्रशासन का पूरा सहयोग संबंधित समितियों को नही मिल पा रहा है। इस समय एक मामला चर्चा में बना हुआ है रेत खदानों को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की गई है जिसमें यह बताया गया है कि पेसा एक्ट का उल्लंघन कर रेत खदान शासन प्रशासन द्वारा आवंटित कर दी गई है। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सही क्या है यह तो न्यायालय में ही स्पष्ट हो पाएगा। इस तरह से कई मामले ऐसे हैं जो जिले में उजागर तो नहीं हो रहे हैं लेकिन उनमें खुलेआम पेसा एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। लोग जानना चाह रहे हैं कि इस एक्ट के लागू होने के बाद इसे शासन प्रशासन द्वारा महत्व क्यों नही दिया जा रहा है ? जनापेक्षा है प्रत्येक ग्रामों में पेसा एक्ट की समिति का गठन किया जाए जिसमें जनाभियान परिषद के ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष सचिव को भी शामिल किया जाए और अपील समिति का गठन सही तरीके से किये जाने की मांग अनेक लोगों के द्वारा की गई है। पेसा एक्ट का सही क्रियान्वयन संपूर्ण मंडला जिले में कराने की मांग शासन प्रशासन से अनेक नागरिकों ने की है।

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