ईओडब्ल्यू के पत्र पर अभी तक फर्जीवाड़े की जांच नही करा पाया जिला प्रशासन
ग्राम पंचायत भानपुर में सरपंच के फर्जी सील व हस्ताक्षर से लाखो रुपए आहरण का मामला
ईओडब्ल्यू ने जिला प्रशासन को
जांच के लिए लिखा था पत्र ,खजूर के पेड़ में अटकी फर्जीवाडे की जांच
ग्राम पंचायत भानपुर में सरपंच के फर्जी सील व हस्ताक्षर से लाखो रुपए आहरण का मामला
सहायक यंत्री बिरसिंग तिलगाम, उपयंत्री ऋतुराज डहरिया, एपीओ कूड़ापे की भूमिका संदिग्ध
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग – जनपद पंचायत बजाग की ग्राम पंचायत भानपुर में बिना सड़क निर्माण कराए ही भूतपूर्व सरपंच और सचिव ने जनपद के तकनीकी अमले की मदद से वर्तमान सरपंच के फर्जी सील और हस्ताक्षर कर ग्रेवल रोड के नाम से लाखो रुपए की राशि का आहरण कर लिया था इस पूरे मामले में सरपंच सचिव सहित जनपद के तत्कालीन सहायक यंत्री, सीईओ, उपयंत्री, एपीओ की भूमिका संदिग्ध रही हैं जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा जनपद पंचायत सहित जिला प्रशासन को भी कई बार की गई।इस हेतु अनेक दफा जांच टीम भी गठित की जाती रही हैं परंतु आज तक इस मामले की जांच नही हो सकी।मामले की जांच नही होते देख इस मामले की शिकायत सचिन मानिकपुरी और सरपंच पति बोध सिंह के द्वारा 1मार्च 2024 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर शाखा को की गई थी।जिस पर ईओडब्ल्यू मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा तत्कालीन जिला कलेक्टर को 16 अप्रैल 2024 को मामले की जांच हेतु पत्राचार किया गया था एवं जांच कर रिपोर्ट सौंपने हेतु कहा गया था आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा जिला प्रशासन को जारी पत्र क्रमांक 689( 24)689 ए भोपाल में उल्लेखित किया गया है कि आवेदन कर्ता सचिन मानिक पुरी पिता शालिग राम, निवासी बिजोरा,बोध सिंह मरावी पिता सुखदेव मरावी निवासी भानपुर से शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ है कि पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार मरावी, सुनहर सिंह टेकाम पूर्व सचिव, बिरसिंग तिलगाम सहायक यंत्री, ऋतुराज डेहरिया उपयंत्री, एपीओ कूडापे, व तत्कालीन सीईओ एवं अन्य अधिकारी के विरुद्ध भानपुर ग्रामपंचायत में मुख्यमार्ग से ग्राम घुटई तक ग्रेवल रोड निर्माण में षड्यंत्र पूर्वक फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण का आहरण किया गया हैं आगे लिखा गया है, कि पत्र के परिपालन में प्रकरण प्रकोष्ठ को अग्रेषित करने का कष्ट करे।जिस पर 20 मई 2020 को संयुक्त कलेक्टर डिंडोरी द्वारा बजाग एसडीएम को जांच के लिए लिखा गया था।परंतु जांच हुई या नही जिसका आज तक पता नही चल सका।जिसके बाद जिला प्रशासन ने उक्त मामले में तथ्यो के सूक्ष्म परीक्षण एवं स्थल जांच के लिए 15 जुलाई 2024 को तीन सदस्यीय दल का गठन किया । फिर भी एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं होती नही दिख रही ।राशि गबन के मामले की जांच इस टेबल से उस टेबल पर सरकती रही हैं और आज तक जांच नही हो सकी। जिससे फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले जिम्मेदार बचते नजर आ रहे ।सूत्र बताते है की राजनीतिक रसूख के चलते संबंधितो के विरुद्ध कार्यवाही खजूर के पेड़ पर लटकी हुई है।