सदियों से चल रही संस्कृति, परंपराओं की सुरक्षा के लिए पेसा ग्राम सभा

ग्राम मलपठार के 100 वर्ष होने पर मनाया शब्तादी वर्ष

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ग्राम मलपठार के 100 वर्ष होने पर मनाया शब्तादी वर्ष

घुघरा टोला व मलपठार में किया गया नवीन ग्राम सभा का गठन

 

रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले में पेसा एक्ट मप्र पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्र का विस्तार नियम 2022 के तहत मप्र के भीतर अनुसूचित क्षेत्र पर लागू किया गया है। जिसके तहत मंडला जिले के विकासखंड नैनपुर की ग्राम पंचायत चमरवाही, ग्राम डुडुम मॉल, घुघरा टोला एवं विकासखंड मंडला की ग्राम पंचायत खुर्सीपार के मलपठार में नवीन ग्राम सभा गठन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि गिरीश कुबेर अखिल भारती हित रक्षा प्रमुख, प्रेम जी सहसंगठन मंत्री वनवासी विकास परिषद, लखन मरावी हित रक्षा जिला प्रमुख छिंदवाड़ा, गौरव शर्मा राज्य स्तरीय पेसा सेल भोपाल, सुरजीत सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत हल्दी चांवल से तिलक लगाकर किया गया। ग्राम सचिव धन सिह पावले ने गोडी भाषा से अतिथियों का स्वागत किया।

ग्राम सभा के गठन के दौरान ग्रामीणों को पेसा एक्ट के उद्देश्य की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि जल जंगल, जमीन और सदियों से चली आ रही रूढ़ी प्रथा, संस्कृति और परंपराओं की सुरक्षा करना है। इस अधिनियम के तहत ग्रामीण समुदाय को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में अधिक अधिकार दिए गए। इसके साथ ही पेसा एक्ट के तहत कार्य कर रहे मोबिलाइजर दशरथ मसराम, उमा भारती, विमला उइके, राहुल मार्सकोले, सुभाष उइके, नवल परते, मुकेश ठाकुर, आनंद मरावी द्वारा ग्रामवासी एवं मुख्य अतिथि के समक्ष पेसा एक्स के तहत किये जा रहे कार्य की जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान गिरीश कुबेर द्वारा ग्राम सभा में सभी ग्राम वासियों को ग्राम सभा के कार्य समिति के कार्य एवं ग्राम सभा की ताकत के बारे में बताया। इसके साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

 

व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार की दी जानकारी :

 

व्यक्तिगत वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार ऐसे ग्राम जो वन ग्राम हैं ग्राम में निवास करते हैं तो वह अपने निवास स्थान एवं उपयोग किए जाने वाले भूमि का अधिकार पत्र वन अधिकार कानून के तहत व्यक्तिगत अधिकार पत्र प्राप्त कर सकते हैं। सामुदायिक वन अधिकार में ऐसे ग्राम के निवासी शामिल होते है, जिन्हें वन अधिकार के लिए सामुदायिक संसाधनों का अधिकार प्राप्त करने के लिए एक सामुदायिक अधिकार पत्र की मांग करते हैं। जिसमें उन्हें अपने मवेशियों के लिए चारागाह, गोठान इत्यादि संसाधनों की उपलब्धता की जाती है।

मल पठार में मनाया ग्राम का शताब्दी वर्ष

 

नवीन ग्राम सभा गठन के दौरान मलपठार ग्राम सभा अध्यक्ष ने बताया कि ग्राम मलपठार हमारे पूर्वज द्वारा यहां सन 1923 में बसाया था। उस समय इस ग्राम में तीन  से चार परिवार यहां आकर बसे थे। इसके बाद धीरे-धीरे  यहां लोगों का निवास होने लगा। यहां परिवारों की संख्या बढऩे लगी। आज इस ग्राम में कुल 236 परिवार निवास कर रहे है। ग्राम मलपठार को यहां बसे 100 वर्ष हो गए जिसके उपलक्ष्य में यहां नवीन ग्राम सभा का भी गठन किया गया और इसके साथ मलपठार में शताब्दी वर्ष मनाया गया। ग्राम वासियो द्वारा एक दूसरे को बधाई दी गई एवं एकजुट वा सहभागिता के साथ रहने की बात की।

पर्यावरण संरक्षण के लिए किया पौधारोपण :

वही नवीन ग्राम सभा गठन में ग्राम सभा मलपठार अध्यक्ष टीकाराम उइके, घुघरा टोला अध्यक्ष डिमांक सिंह मसराम को बनाया गया। पेसा एक्ट के तहत नवीन ग्राम सभा आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। संचालन, व्यवस्थाएं  एवं पीआरए ग्राम का नजरी नक्शा बनाकर ग्रामीणजनों को समझाया गया। जिला समन्वयक सोमेंद्र कुशराम, मिथलेश कुलेश जिला समन्वयक डिंडौरी, विकासखंड समन्वयक प्रतीक उइके, जितेंद्र धुर्वे, सोनू मरावी, तरेंद्र मरावी, उमेश पट्टा, अनूप उइके, सुरेश तेकाम मौजूद रहे। इसके साथ कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण किया गया।

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