दवाब बनाने अतिक्रमण कारी कर रहे झूठी शिकायत मुक्तिधाम की भूमि पर किया अवैध कब्जा
दैनिक रेवांचल टाइम्स मंडला महाराजपुर ज्वाला जी वार्ड स्तिथ प्राचीन मुक्तिधाम खसरा क्रमांक 127 रकवा लगभग डेढ़ एकड़ भूमि वर्ष 1927,28 के राजस्व रिकार्ड में हिंदुओ के श्मसान के नाम में दर्ज है जहां आज भी अंतिम संस्कार किया जाता है स्थानीय वार्ड वासी एवं धनगर समाज के द्वारा विगत कई वर्षो से मुक्तिधाम के विकास एवं अंतिम संस्कार के लिए टीनशेड की मांग की जाती रही थी समाज की जायज मांग को लेकर अंतिम संस्कार में लोगो को हो रही परेशानियों को देखते हुए नगरपालिका मंडला द्वारा मुक्तिधाम की भूमि को सुरक्षित रखने फैंसिंग तथा अंतिम संस्कार के लिए टीन शेड निर्माण स्वीकृत कर बकायदा विधिवत टेंडर निकालकर ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है साथ ही विधिवत मुक्तिधाम का पूर्व में संयुक्त सीमांकन स्थानीय लोगो के समक्ष कराया गया इसके बाद कार्य शुरू किया गया था किंतु कुछ अतिक्रमणकारियों के द्वारा मुक्तिधाम की भूमि में अतिक्रमण कर सब्जी लगाई जा रही थी राजस्व एवं नगरपालिका द्वारा समझाईस दी गई थी और अतिक्रमण कारियो के द्वारा अतिक्रमण हटाने स्वीकार्य कर लिया गया था परंतु अब ठेकेदार को फैंसिंग कार्य नही करने दिया जा रहा हे अनेकों बार राजस्व एवं नगरपालिका के अधिकारी कर्मचारी मौके में जाकर अतिक्रमण कारियो को समझाया गया लेकिन अतिक्रमणकारी समझना तो दूर स्थानीय लोगों और कर्मचारियों पर दवाब बनाने जबरन महिलाओं के द्वारा स्थानीय लोगो की झूठी शिकायत कर रहे हैं जिससे फैंसिंग कार्य में अवरोध हो रहा है।
नगरपालिका एवं ठेकेदार द्वारा पूर्व में महाराजपुर पुलिस में अतिक्रमण कारियो की शासकीय कार्य में बाधा डालने की शिकायत की गई थी लेकिन राजस्व का मामला कहकर अतिक्रमणकारियो पर पुलिस द्वारा कार्यवाही करने में हीला हवाली की गई जिससे अतिक्रमणकारी और हावी होते चले गए और महिलाओं को आगे कर स्थानीय लोगो की झूठी शिकायत कर रह रहे हैं और मुक्तिधाम की भूमि छोड़ने तैयारनहींहैअतिक्रमणकारियो के सामने राजस्व विभाग एवं नगरपालिका भी बौने साबित हो रहे हैं।राजस्व अधिकारियों की लापरवाही से नही हटाए गए स्थानीय लोगो के द्वारा मुक्तिधाम की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने बार बार निवेदन किया जाता रहा है लेकिन राजस्व अधिकारियों के द्वारा सीमांकन करने तक ही सीमित रहे जिससे अतिक्रमणकारी बेख़ौफ़ होकर मुक्तिधाम और उससे लगी वनवासी सेवा मंडल की भूमि में भी कब्जा कर लिया गया है जिसकी शिकायत वनवासी सेवा मंडल के द्वारा भी की गई लेकिन राजस्व अधिकारी अतिक्रमण हटाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।