पीड़िता पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय के गुहार हत्या का लगाया आरोप, निष्पक्ष जांच करने की मांग

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रेवांचल टाईम्स – पत्नी ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत की है और अपने मृत पति की हुई मृत्यु पर जांच की माँग कर रही है उसे कही न कही शक है कि उसके पति की हत्या की गई हैं,


टीकमगढ़ जिले मे जमीनी विवाद के चलते रंजिशन से मेरे देवर मुकेश रजक निवासी जगतनगर द्वारा मेरे पति के साथ षड़यंत्र रचकर हत्या कर उ.प्र. की सीमा में जामनी नदी के पास बानपुर थाना अंतर्गत फॉसी पर पेड से लटका दिये जाने के संबंध में, जॉच किये जाने की पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ से जांच के लिए आवेदन दिया है जिसमे उसने लिखा है कि में प्रार्थिया कौशिल्या रजक पत्नि स्व. बीरेनलाल रजक निवासी जगतनगर (मुजरा ) थाना मोहनगढ़ जिला टीकमगढ म. प्र. की मूल निवासी हूँ। श्रीमान् जी मैं एवं मेरे पति वीरेनलाल रजक बच्चो के -साथ जीवन यापन कमाने-खाने के लिये 4-5 साल से दिल्ली में मजदूरी कर अपना भरण-पोषण कर रहे है। एवं ग्राम में मेरे ससुर और मेरे देवर मुकेश रजक खेती करते थे। श्रीमान् हर साल फसल की कटाई पर विवाद होता था और हम लोगो को कोई कटाई हिस्सा नहीं दिया जाता था जिसके कारण देवर मुकेश रजक मेरे पति से ईर्ष्या रंजिस करता था। जिस कारण हम दोनो अपने बच्चो के भरण-पोषण हेतु मेहनत मजदूरी करते थे। गाँव घर आने पर मेरे देवर मुकेश रजक द्वारा शराब · पीकर आये दिन प्रार्थिया एवं पति के साथ विवाद करता रहता था। प्रार्थिया के देवर मुकेश रजक पिता बाबूलाल रजक ने अजिया ससुर जी के नाम की भूमि 2 एकड लगभग 5-6 माह पूर्व विक्रय करवा दी थी। और विक्रय की राशि स्वयं हडप गया। उस समय प्रार्थिया व मेरे पति दिल्ली में मजदूरी कर रहे थे जिसकी जानकारी प्राप्त होने पर प्रार्थिया का पति घर पर आया और उक्त विक्रय भूमि राशि के बारे में पूँछा तो मुकेश रजक एवं प्रार्थिया के पति के मध्य भारी विवाद हुआ और मुकेश रजक ने कोई राशि नहीं दी और कहा की तुझे कोई हिस्सा नहीं मिलेगा एक बार मेरे पति को मुकेश रजक द्वारा शराब में जहर खिला दिया था। जिसका इलाज होने के बाद मैने अपने पति की जान बचा ली। जिसमें लगभग 3 लाख रूपये खर्च हुये जिसकी सूचना पुलिस को देने से मुकेश रजक ने मना कर धमकी दी की अगर तुम लोग हमारी रिपोर्ट करोगे तो हिस्से में कोई भूमि नहीं मिलेगी एवं गाँव के घर पर रहने भी नहीं देंगे। जिसकी जाँच की जाये। वही दूसरी ओर एवं मेरे देवर मुकेश रजक द्वारा उ.प्र. के कुछ समाचार पत्रो में मनगणत कहानी बनाकर अपनी गलती छिपाकर प्रार्थिया की गलती निकालकर छपवा दिया है की प्रार्थिया के ना आने से मेरे पति ने आत्महत्या की है जबकि प्रार्थिया अपने मायके में नहीं गई मैं तो अपनी बच्चियों के साथ दिल्ली में रह रही थी। जिसमें मेरे पति बीरेनलाल रजक की सहमति थी और पहले मेरे पति वीरेनलाल रजक भी साथ में निवास करते थे और प्रार्थिया व उसके पति के मध्य कोई विवाद नहीं रहा है।


मेरे पति के पास एक फोन था जो उoप्रo पुलिस शव के साथ पुलिस ने ले लिया था उसकी कॉल डिटेल एवं रिर्काडिगं निकलवाई जाये । जिसमें दो सिम थी उनके मो० नं० के 9953873368 एवं 8920756561 इनकी जांच की जाये । में असहाय अकेली महिला हूँ मेरी दो छोटी बच्चिया है उनके भरण-पोषण करने हेतु मुझे मेरा हिस्सा दिलाया जाये।
श्रीमान जी से करबद्ध हाथ जोड़कर निवेदन है कि उक्त घटना जो मेरे पति बीरेनलाल रजक के साथ हुई है. उसकी निष्पक्ष जाँच कराकर दोषी मुकेश रंजक पिता बाबूलाल रजक निवासी जगतनगर थाना मोहनगढ़ जिला टीकमगढ म.प्र. के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने की कृपा करे। और मुझे और मेरे बच्चों को न्याय दिलाने की कृपा करें।
पीड़ित महिला ने मृत पति और उसके साथ हुई घटना में न्याय पाने भटक रही है और जिम्मेदारो से न्याय की गुहार लागते हुए अपना और अपने बच्चों का हक माँग रही है।

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