बेखौफ चल रहा फर्जीवाड़ा आखिर कब होगी जांच और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई…
दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में इन दिनों फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है जिनको देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है वो भी इतनी इमानदारी से अपना काम कर रहे है कि कुछ ही महीनों में इमानदारी पहली बारिश में धुलकर सामने आ जाती है.
जिले की मुखिया कलेक्टर अपनी इमानदारी और कार्यप्रणाली के लिए जानी जाती हैं लेकिन इनके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी केवल औपचारिक रूप से कार्य करते नजर आते हैं..
ऐसा ही नया मामला जनपद पंचायत मोहगांव मुख्यालय से ही लगी ग्राम पंचायत मोहगांव रैयत का आया हैं जहां पर शासकीय योजनाओं में सरपंच, सचिव के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जिनकी न दुकान है और न ट्रेडर्स हैं उनके भी बिल लगाकर बेखौफ तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है..
शासन के द्वारा वर्ष जुलाई 2017 से जी.एस.टी.बिल अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन आज भी सचिव इस विषय पर जानकारी तो क्या देखते तक नहीं हैं कि बिल जी.एस.टी के हैं या नहीं..ये भी नहीं देखते..
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जी.एस.टी की कटौती का तो कमीशन सचिव खुद ही लेते हैं..
पूरा भुगतान कमीशन पर ही चलता है..
वहीं मोहगांव रैयत में जो पानी टैंकर पंचायत के द्वारा यादव ट्रेक्टर्स के बिल क्रमांक 41 नाम पर 15जून से 30 जून 2023 में 1000 रूपये की दर से 35 टैंकरों में पानी के बिल 35000रूपये लगाये गये हैं वहीं दूसरी ओर यादव ट्रेक्टर के बिल क्रमांक 35 द्वारा ग्राम पंचायत के प्रदाय बिल में 500की दर से 50 टैंकर पानी का भुगतान 25000 किया गया वहीं दूसरे मटेरियल सप्लायर के द्वारा पंचायत को जो बिल प्रदाय किये गये हैं वो अस्पष्ट नजर आ रहे हैं वहीं मटेरियल सप्लायर मार्को बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर एवं पूजा इंटरप्राइजेज को भी पंचायत में बिल प्रदाय किये गये हैं जो कि पोर्टल में स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ रहे हैं जिससे साफ प्रतीत होता है कि ग्राम पंचायतों में किस हद तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है..
वहीं नाम न बताने की शर्त पर कुछ ग्रामीण जनों ने बताया कि खेमचंद नंदा पुराने खिलाड़ी हैं ये जिस किसी भी पंचायत में रहे हैं वहां भ्रष्टाचार और गबन चरमसीमा पर रहा है..
इनके द्वारा बनवाई गई पुलिया सड़क डैम की हालत आज देखने लायक है..
इनका कहना है.
हमारे द्वारा जो बिल ग्राम पंचायत में पंचायत दर्पण मे जो बिल लगाये गये हैं वो हमें समझ भी आ रहे हैं और दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन आपको नजर नहीं आ रहे हैं तो हम क्या कर सकते हैं..
खेमचंद नंदा
सचिव मोहगांव रैयत