समय पर कार्यालय नही आते पटवारी , भटकती रही बैगा किसान महिलाए

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किसान सम्मान निधि का लाभ पाने डेढ़ साल से कार्यालय के चक्कर काट रही बैगा महिलाए…

रेवांचल टाईम्स – बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जनजातियों के साथ अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा मुँह देखा देखी की जा रही गरीब भोलेभाले दफ्तरों के चक्कर लगा लगा कर थक रहे है पर इन पर किसी को दया नहीं आ रही हैं।
वही जानकारी के अनुसार बजाग नगर के तहसील कार्यालय की व्यवस्था इन दिनों पटरी से उतरती नजर आ रही हैं वजह है की यहां पर पदस्थ पटवारियों का समय पर कार्यालय नही आना।जबकि अभी हाल ही में मध्य प्रदेश शासन के द्वारा सभी शासकीय कर्मचारियों को कार्यालयीन समय पर उपस्थित होने संबंधी निर्देश जारी किए गए थे।शासन के सख्त निर्देशों के बावजूद मुख्यालय के अधिकांशत: कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारी आफिस टाइम में उपस्थित नही हो रहे है कुछ एक कार्यालयों को छोड़कर सभी दफ्तरों का प्राय: प्राय: यही हाल है ऐसा ही हाल गुरुवार को साप्ताहिक बाजार के दिवस मुख्यालय में स्थित तहसील कार्यालय में देखने को मिला। जहां पर कार्यालय खुलने के बाद दोपहर तक पटवारियों का पता नही था कई पटवारियों के चेंबर में ताला लटकता रहा।राजस्व के कार्य से आए क्षेत्र के काश्तकार अपने अपने हल्के के पटवारियों का इंतजार करते भटकते रहे। दोपहर बारह बजे तक मात्र एक महिला पटवारी ही कार्यालय में उपस्थित मिली। पड़ताल करने पर पता चला की बजाग तहसील अंतर्गत सर्किल में करीबन आठ पटवारी पदस्थ हैं जिनमे से दोपहर तक शेष पटवारी अपने कर्तव्य से नदारत मिले।गुरुवार को तहसील कार्यालय में किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित काम करवाने आई वनग्राम जल्दा बौना की आधा दर्जन बैगा महिला भी अपने हलका पटवारी का सुबह 10 बजे से इंतजार करती रही। फोन लगाकर भी पटवारी का पता करने की कोशिश की गई।परंतु पटवारी ने फोन रिसीव नहीं किया।दोपहर लगभग बारह बजे कार्यालय आकर पटवारी ने अपने चेंबर का दरवाजा खोला।बैगा महिलाओ ने बताया की उनके खाते में किसान सम्मान निधि की राशि अंतरण नही हो रही है जिसके लिए लगभग डेढ़ साल से तहसील कार्यालय में पटवारी के चक्कर काट रही हैं योजना से संबंधित सभी दस्तावेज भी कई बार जमा कर दिए गए । और कई पटवारी बदल गए ।परंतु आज तक उनका काम नही हुआ।बैगा महिला मुन्नी बाई पति जेठू,हरियर बाई पति जेहर सिंह,सवनी बाई , परवतिया बाई पति बाबूलाल, ने बताया की हर बार काम हो जाने की बात कहकर चलता कर दिया जाता हैं गांव से तीस किमी की दूरी तय करके आना जाना पड़ता है जिसका किराया तीस रुपए और समय खर्च करना पड़ता है और हर बार भटकने के बाद बैरंग ही लौटना पड़ता है मुख्यालय में गुरुवार को साप्ताहिक बाजार होने के कारण यहां बड़ी संख्या में काश्तकारो के आलावा न्यायालयीन कार्य से भी लोगो का आना होता हैं पटवारियों के समय पर कार्यालय नही आने से राजस्व से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं सूत्र बताते है की कार्यालय का रोजाना यही हाल रहता हैं पटवारी के आने जाने का कोई समय तय नहीं है।साढ़े ग्यारह बजे के बाद ही पटवारियों का आना शुरू होता हैं

इनका कहना है….
पटवारी राजस्व के कामों से फील्ड पर चले जाते है आज एक पटवारी के पिताजी का निधन हो गया है और कौन पटवारी समय पर नहीं आए। उनकी जानकारी मुझे भेजो।
शांतिलाल विश्वनोई
तहसीलदार बजाग डिंडौरी

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