करोड़ों की सरकारी जमीन में हो गया कब्जा, अतिक्रमण हटाने में यहां बरती जा रही गंभीर लापरवाही……

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दैनिक रेवाचल टाइम्स – जिम्मेदारो की लापरवाही और निजी स्वार्थ के चलते आज अबैध कब्जा और अतिक्रमण सरकारी भूमि पर भू माफ़िया राज हावी नज़र आ रहा हैं।
वही जानकारी के अनुसार सिवनी कब्जाधारियों से कब्जा हटाने नहीं औपचारिकता निभाने पहुंचे अफसर- कार्रवाई न होने से कब्जाधारियों के बढ़े हौंसले-सरकारी जमीन में जमकर किया जा रहा कब्जा कर कृषि कार्य व अवैध निर्माण
ग्रामीण क्षेत्रो में शासकीय व चरनोई जमीनों पर दबंगों ने कब्जा कर खेत व मकान बना लिए हैं, इससे अब मवेशियों को चारे के लिए जगह नही बची जिससे ग्रामीण लोग मजबूरी में बारिश के समय मवेशियों को आवारा छोड़े जा रहें हैं।मवेशियों के लिए न खाली जमीन बची है न ही लोग उन्हें अपने घर पर रख रहे हैं इससे अब बड़ी संख्या में आवारा मवेशी कत्लखाने जाने को मजबूर है यदि गांवों में पड़ी चरनोई की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया जाए और प्रशासन के द्वारा तार फैसिंग कर इनकी व्यवस्था कर दी जाए तो बहुत हद तक ग्रामीणों के जानवरों को राहत मिल जाएगी, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण इन मवेशियों के कारण आम आदमियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा
एक ऐसा ही मामला जिला सिवनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत फुलारा का मामला करोड़ों रुपये की बेसकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर कृषि कार्य होने लगते है व मकान बन जाते हैं, और अवैध निर्माण हो जाते हैं विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि यहां पर लोगों ने मकान, झोपड़ी बना रखे हैं तो किसी ने बाड़ी लगाकर अपना कब्जा जमाया हुआ है। कुछ लोगों के द्वारा खेती की जा रही है कई सालों से लोगों के द्वारा शासकीय भूमि में अवैध तरीके से कब्जा किया गया है पहले भी शिकायत अधिकारियों को की गई है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन न तो पटवारी को सरोकार है और ना ही राजस्व विभाग को। यहां तक कि शिकायत के बाद भी कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता किया जाना कई सवाल खड़े करता है। गांव की गाय चराने वाले व ग्रामीणों के द्वारा शिकायत होने पर राजस्व विभाग के द्वारा एक जांच दल गठित कर कब्जाधारियों के ऊपर कारवाई करने के लिए ग्राम फुलारा भेजा गया जांच व कार्रवाई के दौरान कब्जाधारियों और शिकायतकर्ता के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई क्या जांच दल के द्वारा औपचारिकता निभाई गई या फिर कार्रवाई कि गई तहसील के अधिकारी भले ही बदल गए हो लेकिन सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में अफसरों का रवैया नहीं बदला है इसमें कहीं ना कहीं सरकारी नुमाइंदों से अवैध कब्जा को अनदेखी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। प्रदेश के मुखिया अतिक्रमण विरोधी अभियान चलवा रहे हैं वहीं कुछ सरकारी कर्मचारी शासकीय भूमि पर दिन रात हो रहे अवैध कब्जा को नजर अंदाज कर अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए हैं इससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद है।

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