साल बीतने के बाद भी नही हो सकी जाँच स्वास्थ्य विभाग दे रहा है, खुला संरक्षण डॉक्टरी के साथ साथ कर रहे डोलोमाइट खदान का संचालन, छान राबड़ी..

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रेवांचल टाईम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में रसूखदार और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी मिल के उड़ा रहे है सिविल सेवा आचरण अधिनियम की धज्जियाँ उड़ा कर नोकरी के साथ चला रहे डोलोमाइट खदान खनिज विभाग के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार है ड्राक्टर के आगे नतमस्तक है, डोलोमाईट खन्नन में नियम क़ानून दरकिनार करते हुए किया जा रहा हैं खुला उल्लघन..


सरकारी डॉक्टर भी चला रहे है डोलोमाईट खदान जिला खनिज और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण में…

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के विकास खण्ड मोहगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ है और आज भी बम्हनी के ग्राम भंवरताल में डोलोमाइट माइंस का संचालन किया जा रहा है जिसकी शिकायत एक जागरूक नागरिक के द्वारा एक वर्ष पूर्व की थी पर आज एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो चुका है पर नोकरी के साथ व्यवसाय की जांच न जिले के मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में ना हो पाई और न ही जिला कलेक्टर कार्यालय और न ही जिला खनिज विभाग से लगता है कि इन जिम्मेदार विभाग ही ऐसे कर्त्तव्य व्यक्ति जो नियम अधिनियम को ताक में ऱखकर मख़ौल उड़ा रहें हैं।
वही इन दिनों खनिज माफ़िया, शराब माफिया और रेत माफिया का तांडव चरम सीमा में दिखाई पड़ रहा है। जिले के मुखिया को छोड़कर सभी अधिकारी कर्मचारी इन माफियाओं से अपना निजी स्वार्थ सिद्ध करते हुए आर्थिक लाभ अर्जित कर इन्हें खुला संरक्षण दे रहे है। जिस तरह भारत देश सोने की चिड़िया कहा जाता था और उसे अंग्रेज ओर मुगलों ने बर्बाद कर लूट लिया उसी तर्ज में मंडला जो कि आदिवासी बाहुल्य जिला है और प्रकृति संपदा से भरा पूरा है किंतु बाबू राज के चलते करोड़ों अरबों रूपयों का डोलोमाईट गोंड खनिज की चोरी प्रतिवर्ष लगातार हो रही हैं जिले की नैनपुर और भुआ बिछिया तहसील में सोने की कीमत से बढ़कर एक ऐसी खनिज संपदा डोलोमाईट का इन दिनों अबैध उत्तखन्न जोरो से जारी है सब कुछ जानकर भी लगभग तीस बर्षों से संचलित जिले की डोलोमाईट खदानों का न तो सीमांकन किया गया है और न ही जिले में बेठे जिम्मेदार खनिज विभाग के आला अधिकारियों ने हो नियम विरुद्ध अबैध उत्तखन्न को लेकर आज तक कोई कार्यवाही नही की है जबकि उखन्नन स्थल को देखने पर स्पष्ट नजर आ रहा है वनांचल से लगे इस छेत्र में लगातार हरे भरे जंगल व कृषि भूमि के साथ साथ नदी नाले भी बंजर नजर आ रहे है वही धरती जिसको सभी अपनी माँ का दर्जा देते है पर कुछ माफियाओं ने अपने निजी स्वार्थ के चलते पाताल का स्वरूप बना दिया है संपूर्ण डोलोमाइट क्षेत्र में रहवास कर रहे ग्रामीण और सीधे साधे आदिवासी प्रदूषित वातावरण के चलते अब गाँव के गाँव खाली हो रहे है वही दूसरी ओर इन डोलोमाईट खदानों उत्खनन हेतु ब्लास्टिंग की जा रही है वह इतनी तेज हुआ करती है की घरों की दीवारें जर्जर हो चुकी है और इस छेत्र के आसपास में रहने वालों का सदैव जीना दूभर हो चुका है आज दूर दूर तक खन्नन के लिए हो रही ब्लास्टिंग से आम जन भयभीत नजर आ रहे है एक ओर जहाँ पर्यावरण व वन्य प्राणियों के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों अरबों रुपये खर्च कर रही है वही दूसरी ओर डोलोमाईट खदानों से कुछ ही दूरी पर विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क की भी सीमा लगी हुई है जिससे वन्य प्राणी जीवन भी असुरक्षित बना रहता हैं किंतु इन लालची किस्म के उद्योग पतियों को न पर्यावरण न वन्य प्राणियों और न ही मानव जीवन को लेकर ये चिंचित है इन्हें तो केवल ऐसा लग रहा है कि इस प्राकृतिक संपदा का हम कितना दोहन कर अपनी तिजोरियों भर सके।
आज जब कुछ पर्यवरण चिंतक ओर प्राकृतिक प्रेमियों ने मंडला जिले की बिछिया तहसील के अंतर्गत ग्राम भावरताल में संचालित मेंसर्स कुसुम मिनरल्स, सुमेधा मिनरल्स, कमेलश मोहन झिकराम और जय श्री श्याम मिनरल्स, की खदानों का अवलोकन किया तो देखा कि ये सभी लोगो के द्वारा तय किये गए नियम कानून से अधिक उत्खनन कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शासन को लाखों करोड़ो की राजस्व हानि पहुँचा रहे हैं। इन सभी डोलोमाईट खादानों की एक आश्चर्यजनक बात सामने आई कि मेंसर्स कमलेश मोहन झिकराम खदान का संचालन करता और कोई नही बल्कि एक एम बी. बी. एस. ड्राक्टर जो कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ विकास खण्ड मोहगांव के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के पद पदस्थ है और शासकीय सेवा में वर्ष 1995 से आज दिनांक तक पदस्थ है और जबकि सिविल आचरण में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी शासकीय अधिकारी कर्मचारी शासकीय सेवा में रहते हुए किसी भी व्यवसाय/ निजी दुकानदारी नही कर सकता है लेकिन मध्यप्रदेश के अंदर मंडला जिले में एक अनोखा मामला देखने को मिला रहा है कि जिसमें शासकीय सेवा का लाभ लेते हुए साथ इनके द्वारा जिले के ग्राम भावरताल में ही गोंड खनिज डोलोमाइट खदान का संचालन स्वयं ही खुलेआम कर रहे है जहाँ पर इनके द्वारा शासन के सभी नियमों कानून को दरकिनार करते हुए नॉकरी और व्यवसाय एक साथ ही कर रहे है जबकि इस सन्दर्भ की शिकायत एव जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंडला, खनिज अधिकारी मंडला तथा तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष एक समाज सेवक नारायण यादव के द्वारा लगभग एक साल पूर्व इन सभी जिम्मेदार अधिकारियों समक्ष उपस्थिति होकर मय प्रमाणित दस्तावेज शिकायत के रूप में दिये गए परन्तु आज एक वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद भी सम्बंधित शिकायत पत्र पर आज दिनांक तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला खनिज अधिकारी और न ही जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिससे लग रहा है कि समूचा आदिवासी बाहुल्य जिले में बैठा प्रशासनिक तंत्र इतने गंभीर विषय को नजरअंदाज कर रहा है और ऐसे शासकीय सेवक को सिविल सेवा आचरण अधिनियम को ताक में रख कर डोलोमाईट खदान का संचालन करने का खुला संरक्षण दिया जा रहा है साथ ही शासन को करोड़ों रुपये की हानि पहुँचाने में मददगार साबित हो रहा हैं साथ ही इन खादानों में मजदूरी करने वाले श्रमिकों को उनको सुविधाएं से वंचित किया जा रहा है शासन के माप दंड के अनुसार खदान में फ़ायर सेप्टी श्रमिकों को स्वास्थ्य सम्बंधित व इन्हें मिलने वाली मूलभुत सुविधाएं से वंचित रखा जा रहा हैं। आश्चर्य की बात यह कि इन सभी डोलोमाईट खदानों के संचालन के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रीमनल (NGT) के नियमों के विपरीत उत्तखन्न किया जा रहा है पर मंडला मुख्यालय में बैठा जिम्मेदार विभाग के कानों में जू तक नही रेग रही है ऐसा प्रतीत होता है कि सम्पूर्ण खनिज विभाग का अमला इन डोलोमाईट गोंड खनिज माफियाओं के सामने नतमस्तक होकर संकल्पित हो चुका है और अबैध उत्खनन करने इन्हें अभय दान दे दिया गया वही जिले में पदस्थ कलेक्टर महोदया से क्षेत्रीय जनो ने यह अपेक्षा की है कि मंडला जिले के भुआ बिछिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम भवताल में संचालित डोलोमाईट खदानों का किसी ईमानदार एजेन्सी से जाँच कराकर क्षेत्रीय जनों को हो रही परेशानी से निजात दिलाएं।
इनका कहना है कि….
मंडला जिला आदिवासी जिला होने के साथ साथ इस जिले में कानून व्यवस्था नियम कानून सब के सब सुस्त रवैये से चल है, जिले में जांच के नाम पर संरक्षण दिया जाता हैं, इस जिले में कोई नियम कानून का पालन नही कर रहे है और न ही शिकायतों में कोई जांच होती है नेतागिरी और नेता सब के सब पैसा कमाने में लगे हुए है मैने एक साल से ऊपर हो चुका है, डॉक्टर कमलेश मोहन झिकराम जो ड्राक्टर के साथ साथ भवरताल में डोलोमाईट खदान भी चलाने का कार्य कर रहे है, जिसकी शिकायत पर विभाग ने बरिस्ट अधिकारियों आज तक कोई जांच नही कि गई है, जानकारी लेने पर एक ही जबाब मिलता है कि एभी जांच चल रही हैं, पता नही कब तक चलेगी मैने तो सभी आवश्यक दस्तावेज भी शिकायत के साथ संलग्न कर दिया हैं। ऐसा लग रहा है कि डॉक्टर साब को बचाने के लिए नया हल ढूंढ रहे हैं।
नारायण यादव. समाज सेवी मंडला

मुझे इस संबंध में पूरी जानकारी नही है ई.ओ.डब्ल्यू से जांच चल रही है उन्होंने शायद खदान पत्नी के नाम पर ट्रांसफर करा लिए है।
सी के सरोते
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडला

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