मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, भोपाल ने लिया सात मामलो को लिया संज्ञान में माँगा जवाब…
रेवांचल टाईम्स – भोपाल, गरूवार 21 नवम्बर, 2024” 7 मामलों में संज्ञान ”
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष ¼कार्यवाहक½ श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टण्डन ने विगत दिवस के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ”7 मामलों में” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।जिसमे 2 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।
मण्डला -जिले के 2 मामले जो समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।
एम्बुलेंस चालक ने रेफर महिला को ले जाने से किया इंकार, मौत
वही मंडला जिले के नैनपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई है। यहां एम्बुलेंस चालक की मनमानी से गंभीर महिला की मौत हो गई है। महिला को अधिक मात्रा में दवाओं को सेवन करने के कारण सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। यहां से महिला को जबलपुर रेफर किया गया लेकिन एम्बुलेंस चालक ने उसे ले जाने से इंकार कर दिया। बीएमओ ने दूसरे चालक को बुलाया इस बीच काफी देर हो गई। जबलपुर उपचार के लिए पहुंची महिला की मौत हो गई है। जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस चालक पर कर्रवाई की मांग की है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ, मंडला से मामले की जांच कराकर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध की गई कार्यवाही एवं मृतका के उत्तराधिकारियों को शासन की किसी योजना अथवा रेडक्रास सोसायटी के जरिए ऐसी उपेक्षा के कारण हुई मृत्यु के संबंध में देय आर्थिक मुआवजा राशि के संबंध में प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
मंडला जिले के ग्राम पंचायत खापाकला के मड़ईजर में ग्रामीण पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं। सुबह कड़ी ठण्ड में उन्हें पानी के लिए दूर कुएं या फिर हैण्डपंप में पानी के लिए जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की यहां विकट समस्या बन जाती है। घर के जरूरी काम छोड़कर पानी के लिए भटकना पड़ता है। कई बार पंचायत के जिम्मेदारों को जानकारी देने के बाद भी उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर ग्रामीणजन की जल उपलब्धता की समस्या के उचित समाधान के लिए की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।