मनमर्जी के मालिक कृषि विकास अधिकारी, किसान परेशान, न समय पर कार्यालय आते हैं और न कार्यालय खुलने के समय का पता है…
रेवांचल टाइम्स मंडला- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में शासकीय कार्यालय तो समय पर खुलने और बंद होने शुरु हो चुके हैं लेकिन आज भी कहीं न कहीं जिले में कुछ अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं, औऱ ये सब मुख्यालय छोड़ कर अपडाउन के चक्कर चलते न अधिकारी कर्मचारी समय मे कार्यालय पहुँच पा रहे और न समय मे कार्यालय खुल रहें हितग्राही बेचारे दूर दूर से आकर ऑफिस के चक्कर काट रहे है अपनी आप बीती आखिर किस्से बतलाए क्योंकि ये इस जिले में गरीबों की सुनने वाला कोई नही है।
अपडाउन के चलते समय मे नही खुल रहे सरकारी दफ़्तर
वही ऐसा ही एक नया मामला तहसील मुख्यालय घुघरी के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का कार्यालय जो कि न खुल रहा है और समय से बंद होना तो छोड़िए समय पर खुलता भी नहीं है और न अधिकारी कर्मचारी समय पर आते हैं और वेतनमान तो अधिकारी कर्मचारी सरकार से पूरी लेते हैं, लेकिन 3-4 घंटे ही अपनी सेवा कहें या फिर समय बिताने की परंपरा को आज तक निभाते आ रहे हैं, जिसकी वजह से किसान भाई आज भी परेशान होते नजर आते हैं, इससे साफ नजर आता है कि शासकीय कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी केवल वेतन लेने आते हैं और इनका मन या कर्तव्य और काम के प्रति उनकी कोई रुचि और लगाव समझ आता है। ऐसा मंडला जिले के अधिकांश विकास खंडों के हालत है बने हुए।
जिला के मुखिया के आदेश ठेंगे पर
वही कलेक्टर मंडला आये दिन बैठकों में विकास खण्डों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालयों में ही रहने और समय मे अपना कार्यालय खोलने के लिए बार बार आदेशित किया जाता है वावजूद इसके जिले के विकास खण्डों के वही हालत बने हुए जिला मुख्यालय या विकास खंड मुख्यालय से अपडाउन करने के कारण इनके नोकरी तो पक रही पर जिनके लिए ये अपडाउन कर रहे है उन्हें समय पर सरकारी योजनाएं का लाभ नही मिल पा रहा है दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से बेचारे किसान हितग्राही समय से पहुँच रहे है पर कार्यालय के जिम्मेदार ही समय मे नही पहुँच पा रहे हैं।
जिले से लेकर विकास खण्डों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी नही उठाते है फोन,
जब इस संबंध में रेवांचल की टीम ने जिले के उपसंचालक मधु मैडम से बात करना चाही गई तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया जिसकी वजह से उनका पक्ष नहीं रख पाये, जब जिले में बैठें विभाग के मुखिया ही एक कॉल का जबाब देना या उठाना उचित नही समझे है तो ये अनुमान लागाया जा सकता है कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी कितने जिम्मेदार हैं।
साहब 10 बजे से हम लागये थे क्रषि वाले साहब से फसल के संबद्ध में कुछ जानना और पूछना था पर 12 बजन लगे है साहब आये हम 28 किलोमीटर से आये है और बरसात भी लगी है जल्दी मिल लेते जल्दी घर जाने है।
किसान ग्राम कठैई घुघरी