गंदगी से बजबजा रहा विवेेकानंद वार्ड न पार्षद का पता, न अिधकारियों का

डोर टू डोर सिस्टम पर उठने लगे सवाल, लोग लगा रहे सीएम हेल्प लाइन में गुहार

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रेवांचल टाईम्स – जबलपुर। शहर का स्वामी विवेकानंद डेंगू-मलेरिया का अड्‌डा बन चुका है। खाली प्लाट मच्छरों की नर्सरी में तब्दील हो चुके हैं। ऐसा लगता है जैसे इस वार्ड की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई हो। न पार्षद का पता न अिधकारियों का, लोग गंदगी से परेशान होकर अब सीएम हेल्प लाइन में गुहार लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सारे शहर में गंदगी का आलम यह है कि घर-घर डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियां पांव पसार रही हैं, लेकिन जवाबदार अिधकारी अौर जनप्रतिनिधि इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसका एक जीता जागता उदाहरण विवेकानंद वार्ड भी है। यहां पर लोग इतने परेशान हैं कि बार-बार बोलने के बाद भी कचरा गाड़ी घरों तक नहीं आ रही है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का नहीं हो पा रहा है। कचरा गाड़ी न आने के कारण लोग अपने घरों से कचरा निकाल कर यहां-वहां डाल रहे हैं, जिससे सड़कों पर भी कचरे के बड़े-बड़े ढेर लग गए हैं, लेकिन जो भी जिम्मेदार लोग हैं, वह उस पर ध्यान न देकर सिर्फ एक दूसरे पर बातें टालने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका नतीजा यह है कि वार्ड में हर एक घर में संक्रामक रोगियों की तादाद बढ़ती जा रही है।

हफ्ते-हफ्ते कचरा लेने नहीं आती गाड़ी

विवेकानंद वार्ड में 6-7 दिन तक गाड़ियां नहीं आती हैं। स्थानीय जागरुक नागरिक जब पूछते हैं या जानना चाहते हैं कि गाड़ियां क्यों नहीं आ रही तो जानकारी यह मिलती है कि प्राइवेट ठेका बंद हो गया है, अब नगर निगम अपनी व्यवस्था से कचरा कलेक्शन कर रहा है, कब आएगी कचरा गाड़ी यह जानकारी किसी के पास नहीं होती। लोग एक दूसरे को फोन लगाते हैं जबलपुर नगर निगम से लेकर भोपाल सी. एम. हेल्पलाइन तक शिकायतें की जा रही हैं पर नतीजा शून्य है।

मच्छरों की नर्सरी बन गए खाली प्लाट
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विवेकानंद वार्ड की जनता इसी गंदगी में बदबू में और जगह-जगह भरे हुए खाली प्लाटों के पानी के साथ जीने को मजबूर है। खाली प्लाट मच्छरों की नर्सरी बन चुके हैं। जनप्रतिनिधि जनता समस्या सुनने तैयार नहीं है और न ही निगम प्रशासन के अधिकारी वार्ड के नागरिकों द्वारा बार-बार यह मांग की जाती है कि हमारे घरों से कचरा उठाया जाए, प्लॉट के पास की जो गंदगी उसको साफ किया जाए, सड़कों पर जो गंदगी फैल गई उसको हटाया जाए, अगर यह समय रहते नहीं हुआ तो क्षेत्रीय वार्ड के नागरिक एक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे।

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