पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण, अब कैसे होगी पितरों की विदाई, श्राद्ध-तर्पण होगा या नहीं?
सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है और 15 दिन अपने परिजनों को आशीर्वाद देने के बाद अमावस्या पर पितर विदा लेते हैं. सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या भी कहते हैं. इस बार पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है, साथ ही इसी दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के सूतक काल के चलते पितृ अमावस्या के श्राद्ध-तर्पण को लेकर दुविधा है कि ये कब और कैसे किए जाएंगे?
सूर्य ग्रहण 2024 अक्टूबर का सूतक काल
2 अक्टूबर 2024, बुधवार को लग रहा सूर्य ग्रहण 2 और 3 अक्टूबर की रात को लग रहा है, जिससे यह भारत में नजर नहीं आएगा. इस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और पितृ अमावस्या के श्राद्ध-तर्पण आदि अनुष्ठान बिना किसी रुकावट के सामान्य रूप से किए जा सकेंगे.
सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या तिथि 1 अक्टूबर को रात 9 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगी और 2 व 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. साथ ही 2 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं 2 अक्टूबर की रात को सूर्य ग्रहण 9 बजकर 13 मिनट पर लगेगा और 3 अक्टूबर की तड़के सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा.
असर कन्या राशि में लग रहा सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में लग रहा है. भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इसका शुभ-अशुभ सभी राशियों पर होगा. लिहाजा सूर्य ग्रहण के बाद स्नान-दान आदि जरूर करें.