बिना जांच किये ऑफ़िस से ही सीएम हेल्पलाइन वापस लेने अधिकारी बना रहे दबाव…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले में अधिकारी कर्मचारी शिकायत कर्ता को प्रलोभन भय या फिर गुमराह करके सी एम हेल्प शिकायत में कार्यवाही न करते तरह तरह की बात करके शिकायत बन्द करने के लिए दबाब बनाते नज़र आ रहें हैं।
वही आदिवासी जनजाति कार्य विकास विभाग में लगातार अनिमित्ताये का दौर चल रहा हैं और जहाँ एक कर्मचारी हलाकान परेशान दिखाई पड़ रहे हैं।
वही अपने ही विभाग के संबंधित जाँच कर्ता कर्मचारियों और प्राचार्य को बचाने के लिए कार्यालय सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के द्वारा शिकायतकर्ता के ऊपर शिकायत को वापस लेने के लिए दबाब बना रहे हैं,


क्या है पूरा मामला वही शिकायतकर्ता विपिन चक्रवर्ती के द्वारा विगत सप्ताह दैनिक समाचार पत्रों में सीएम हेल्पलाइन को लेकर उसकी पूरी पोल खोल दी गई थी एवं अधिकारी कर्मचारियों की जांच की नीति को पूर्ण रूप से उजागर कर दिया गया थाl जिससे नाराज अधिकारियों के द्वारा शिकायतकर्ता को फोन परअपनी शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा हैl जिसमें मंडला विकास खंड शिक्षा अधिकारी रंजीत गुप्ता एवं बिछिया विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुलदीप कटल शामिल हैl

नौकरी का प्रलोभन देकर शिकायत वापस लेने का बना रहे हैं दबाव

विगत दिवस शिकायतकर्ता को जनजाति कार्य विभाग मंडला में शिकायत की जांच के लिए बुलवाया गया था जिसमें सहायक आयुक्त महोदय के द्वारा शिकायतकर्ता की सारी समस्याओं को सुना गया एवं उनके द्वारा यह कहा गया की आपको जिस स्कूल में भी नौकरी करना है आप हमें अभी बताएं हम आपको वहां पर नौकरी दिला दे रहे हैं lजिसमें मेरे द्वारा कहा गया कि मुझे अपने पूर्व जगह शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककैया विकासखंड बिछिया में रखा जावे जिसके लिए सहायक आयुक्त महोदय ने कहा कि आप एक पत्र लिखकर हमें तत्काल दें जिसमें मेरे द्वारा एक पत्र लिखकर उन्हें तत्काल दिया गया उनके द्वारा उस पत्र में तत्काल अनुमोदन कर लेटर जारी भी कर दिया गया कि मुझे उक्त विद्यालय में रखा जावे किंतु इस प्रलोभन के पीछे उनकी एक शर्त भी थी कि मेरे द्वारा शिकायत को वापस ले लिया जावे और यह लिख दिया जावे कि मैं इस कार्यवाही से संतुष्ट हूं एवं सहमत हूं जिसका मेरे द्वारा पूर्ण विरोध किया गया एवं मैंने नौकरी को छोड़कर शिकायत पर कार्यवाही करने की मांग की जिस पर उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही देखने को नहीं मिलीl और उनके द्वारा स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया कि इतनी जल्दी किसी पर कार्यवाही करना संभव नहीं है जिससे यह पता चलता है कि अधिकारी किस प्रकार अपने विभाग से संबंधित जांचकर्ता कर्मचारी और प्राचार्य को बचाने का प्रयास कर रहा हैl

यह है शिकायत का पूर्ण विवरण
(1) शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विकासखंड बिछिया में अतिथि शिक्षक की भर्ती में प्राचार्य के द्वारा अपनी ही जाति की लड़की होने के कारण रिश्तेदारी के चलते उसकी डिग्री की जांच किए बिना भर्ती कर ली गई जबकि उक्त शिक्षा के द्वारा इस समय एवं इस सत्र में एक साथ अतिथि शिक्षक का कार्य करना एवं इस सत्र में रेगुलर जबलपुर में B.Ed करना कैसे संभव है भारती के समय शिकायतकर्ता के द्वारा पूर्ण साक्षी के साथ प्रचार महोदय को इस विषय से अवगत करा दिया गया था किंतु उनके द्वारा यह कहकर मना कर दिया गया कि यह हमारी जाति की लड़की है हम इसी की भर्ती करेंगे आपसे जो करते बनता है तो कर लो इसकी शिकायत जब मेरे द्वारा संकुल प्रभारी को की गई तो संकुल प्रभारी के समक्ष शिक्षिका ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया कि मेरे द्वारा एक साथ अतिथि शिक्षक और B.Ed का कार्य किया गया फिर भी संकुल प्रभारी के द्वारा उसके स्कोर कार्ड को सही बता कर उसे विद्यालय में अध्यापन कार्य करने की अनुमति दी एवं वित्तीय अनियमितता कर पात्र शिक्षक को बाहर कर अपात्र शिक्षिका को लाभ दियाl मामला अभी यहां शांत नही हुआ यह हाई कोर्ट चला गया जिसमें शिकायतकर्ता की जीत हुई जांच में शिक्षिका दोषी पाई गईl तो शिकायतकर्ता का कहना है कि सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के द्वारा अपने संबंधित प्राचार्य, संकुल प्रभारी एवं उक्त शिक्षिका के ऊपर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की जा रही है …?इसी बात को लेकर शिकायतकर्ता के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई थी किंतु आज तक इसका कोई निराकरण नहीं हुआ और शिकायत को चार बार तक बंद कर दिया गया शिकायतकर्ता के द्वारा बार-बार शिकायत को पुनः दर्ज कराकर न्याय की मांग कर रहा है किंतु अधिकारियों के कान में जु तक नहीं रेग रही है अभी भी शिकायत लेवल 4 पर है जिसे उनके द्वारा बंद करने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा हैl और उसी फर्जी डिग्री एवम स्कोर कार्ड के बल पर आज भी वह लड़की जिले में नौकरी कर रही है और शासन से राशि प्राप्त कर मध्य प्रदेश शासन को चूना लगा रही है lजिसे सहायक आयुक्त के द्वारा हाई कोर्ट के आदेश पर दोषी करार दिया गया है.
(२) शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसकी दूसरी शिकायत भी लेवल 4 पर है किंतु आज तक उसका निराकरण नहीं किया गया मामला शासकीय एकीकृत नवीन हाई स्कूल महाराजपुर मंडला का है जहां पर विद्यालय की ही एक नियमित शिक्षिका M.Ed करने के लिए जबलपुर 2 वर्ष के लिए चली गई उनकी जगह पर अध्यापन कार्य हेतु विज्ञापन निकालकर यथावत भर्ती की गई जिस पर मेरा चयन हुआ किंतु मैडम के M.Ed करने तक वहां पर मुझे नहीं रखा गया वहां पर गणित विषय के चार नियमित शिक्षकों की भर्ती की गई और एक गणित के शिक्षक से हिंदी विषय का अध्यापन कार्य कराया गया जहां पर अतिशेष की संख्या ज्यादा हो गई और नियमित शिक्षकों को ना हटाकर अतिथि शिक्षक को हटाया गया जो सरासर गलत है इसकी शिकायत जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी मंडला से की गई तो उनकी ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों को रुपये से मतलब है आप उन्हें उनकी टेबल पर रुपये को रखो और मनमानी जगह पर आकर जॉइनिंग कर लो चाहे उस जगह पर उस विषय का शिक्षक एक हो दो हो या उससे ज्यादा होl जिसकी शिकायत भी शिकायतकर्ता के द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर की गई किंतु आज तक उसका निराकरण नहीं हुआ शिकायतकर्ता यही जानना चाह रहा है कि अधिकारी जहां एक और अतिशेष के लिए आदेश पर आदेश जारी कर रहा है वहीं दूसरी ओर एक ही विद्यालय में एक ही विषय के इतने शिक्षकों की भर्ती कर क्या साबित करना चाह रहा है कि अतिशेष यहां पर कोई नहीं है अधिकारी किस निजी स्वार्थ के चलते वहां पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैंl क्योंकि उन्हें मालूम है कि
सामने वाले शिक्षक से मनमानी रकम वसूल करके ही तो उनको वहां पर पहुंचाया गया हैl जिसमें मंडला पूर्व विकास खंड शिक्षा अधिकारी मैडम कल्पना नामदेव का बहुत बड़ा रोल है.
(३) शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि उसकी तीसरी शिकायत भी लेवल 4 पर है जिस पर आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई मामला है शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककैया विकासखंड बिछिया का जहां पर एक शिक्षक की भर्ती प्राइमरी विभाग की है और जिसने आज तक प्राइमरी विभाग का मुंह नहीं देखा उसे हाई स्कूल में अध्यापन कार्य कैसे करने का अवसर दिया गया जिसकी भर्ती प्राइमरी विभाग की थी उससे 12वीं क्लास कैसे अध्यापन कार्य कराया गया और यदि उसी से अध्यापन कार्य कराना था तो फिर विज्ञापन निकालकर वहां पर मेरी भर्ती क्यों की गई..? जिसे प्राइमरी शिक्षक का वेतन प्राप्त हो रहा है जिसकी भारती ही प्राइमरी शिक्षक की है उसे शिक्षक ने आज तक किसी भी प्राइमरी स्कूल में अध्यापन कार्य नहीं कराया और अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है और मेरे द्वारा इसकी जानकारी देने पर भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है उसे वहां से नहीं हटाया जा रहा है उस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है तो इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी और उनके बीच में मामले को दबाने के लिए लंबी सेटिंग है तभी तो मामले को बिना संज्ञान में लिए अधिकारियों के द्वारा उक्त शिक्षक को अभी वर्तमान में उसी विद्यालय में प्रमोशन भी दिया गया है l जांच के नाम पर सिर्फ शिकायत को चार बार बंद किया गया है ताकि संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को बचाया जा सके.

थाने के पत्राचार कर नहीं दे रहे जवाब

थाना बम्हनी बंजर के द्वारा शासकीय सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककैया के मामले में सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग से थाना बंजर के द्वारा पत्राचार करके विभागीय FIR करने के लिए कई बार पत्र लिख चुके हैं किंतु उनके द्वारा आज तक पत्राचार का सही जवाब न देकर इनके ऊपर FIR दर्ज नहीं कर रही है और प्राचार्य को बचाने का पूर्ण प्रयास कर रही है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यालय सहायक आयुक्त जनजाति कर विभाग और इन सभी प्राचार्य के बीच में मोटी रकम का खेल हुआ है तभी तो इनको बचाने के लिए थाने में किसी प्रकार का पत्राचार नहीं किया जा रहा है और ना ही FIR की अनुमति दी जा रही है और शिकायत को चार बार लेवल 4 पर जाने के बाद बंद कर दिया गया है.

कलेक्ट्रेट के समक्ष शिकायतकर्ता बैठेंगे धरना प्रदर्शन पर

वही शिकायतकर्ता का कहना है कि बहुत लंबे समय से न्याय की मांग करते-करते अब वह थक चुके हैंl अधिकारियों के द्वारा उन्हें लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हैl जिससे न्याय की मांग को लेकर शिकायतकर्ता के द्वारा जल्द ही जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने सीएम हेल्पलाइन के विरोध में बैठेंगे धरना प्रदर्शन पर सीएम हेल्पलाइन की खोलेंगे सभी के समक्ष पोल जिसमें स्पष्ट रूप से माननीय मुख्यमंत्री की तस्वीर रखकर सोशल मीडिया के माध्यम से उनको यह संदेश बतलाया जाएगा कि आप प्रदेश के कितने बड़े मुख्यमंत्री बने फिरते हो अगर आपको अपनी इज्जत देखनी है तो मंडला जिला में आकर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को उठाकर देख लो पूरी मुख्यमंत्री पद की गरिमा धरी की धरी रह जाएगीl अधिकारी आपके सीएम हेल्पलाइन मे कितना न्याय प्रदान करते हैं पता चल जाएगा.

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