बजाग विकासखंड के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की थाली में सिर्फ दाल चावल ,हरी सब्जियां हुई गायब
महंगाई की मार या समूहों की मनमानी
कही दाल पतली तो कही खिला रहे सिर्फ आलू
विकासखंड के स्कूलों में बच्चो को नही मिल पा रहा पोषण युक्त भोजन
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग – विकास खंड अंतर्गत संचालित प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयो में सांझा चूल्हा के तहत बच्चो को परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन की स्थिति इन दिनों खस्ताहाल नजर आ रही है स्कूली बच्चों को स्कूल दिवस पर दिए जाने वाले भोजन में मीनू का पालन नहीं किया जा रहा है आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित अधिकांश स्कूलों के यही हाल है जहा बच्चो को मिड डे मील योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन की थाली से आवश्यक खाद्य सामग्री या पोषक तत्व ही गायब रहते है शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के उद्देश्य से सरकार ने मिड डे मील योजना की शुरुवात की थी परंतु शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते स्कूलों में बच्चो को गुणवत्तायुक्त भोजन नहीं मिल पा रहा है अधिकांश विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के नाम पर सिर्फ और सिर्फ दाल चावल ही खिलाया जा रहा है ऐसा ही नजारा घुटई स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला जहा नौनिहाल बच्चो को बस दाल चावल ही दिया जा रहा है बच्चो की थाली से हरी सब्जियां ही गायब थी है यह नजारा सिर्फ एक स्कूल तक ही सीमित नहीं है विकास खंड के अनेक स्कूल ऐसे है जहा बच्चो की थाली से मीनू के अनुसार दिए जाने वाली खाद्य सामग्री ही नदारत रहती है जबकि बच्चो के शारीरिक विकास के लिए पोषण युक्त भोजन खिलाने हेतु मीनू बनाया गया है जिसमे प्रोटीन और वसा युक्त भोजन दिए जाने हेतु हरी सब्जियां,फल ,दूध,हलवा,खीर, पूड़ी,चना,राजमा, रोटी, पुलाव आदि शामिल किए गए है बावजूद इसके बच्चो को मीनू से हटकर खाना परोसा जा रहा है सब्जियां नही परोसने का कारण तो कई समूह सब्जियों में महंगाई बढ़ जाने की बात कह रहे है कई स्कूलों की रसोइयों में साफ सफाई का ध्यान भी नही रखा जा रहा है तो कही क्वालिटी वाले खाद्य तेलों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।अगर विकासखंड के स्कूलों में बच्चो को परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन की जांच की जाए तो कई खामियां उजागर होंगी।और इसके लिए जिम्मेदार लोगो का कटघरे में खड़ा होना भी तय है कुल मिलाकर एमडीएम के खाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है मध्यान्ह भोजन वितरण में स्वसहायता समूहों की मनमानी भी सामने आ रही है शिक्षा विभाग के जिम्मेदार भी आंख मूंदकर बैठे हुए है।एमडीएम की सही मॉनिटरिंग नही की जा रही है परिणाम स्वरूप बच्चो की भोजन की थाली से मीनू को नजर अंदाज किया जा रहा है जिम्मेदार वास्तविक स्थिति से अनजान बनकर कार्यालय में बैठकर मध्यान्ह भोजन की समीक्षा कर रहे है नतीजतन मध्यान्ह भोजन का संचालन करने वाले समूहों की मनमानी के चलते बच्चो को गुणवत्ता युक्त भोजन नहीं परोसा जा रहा है। लिहाजा भोजन की गुणवत्ता से जमकर समझौता किया जा रहा है विगत दिनों महत्मा गांधी जयंती के अवसर पर विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में शासन द्वारा तय किए गए एजेंडे में सभी स्कूलों में दिए जाने मध्यान्ह भोजन की स्थिति के बारे में चर्चा भी होनी थी परंतु यह मुद्दा भी महज औपचारिकता बनकर रह गया। और चर्चा तक ही सीमित रहा। पोषण आहार वितरण के नाम पर स्कूली बच्चों से छलावा किया जा रहा है या यूं कहे कि और बच्चो के हक पर डाका डाला जा रहा है जो कि जांच का विषय है
इनका कहना है …
आपके द्वारा जानकारी मिली है।जल्द ही विकासखंड के स्कूलों में विजिट करूंगा।अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। आनंद मौर्य गुणवत्ता निरीक्षक एमडीएम