पटवारी के द्वारा अपने ही अधिकारी के खिलाफ ज्ञापन देने पहुंच गए तहसील……
दैनिक रेवांचल टाइम्स मंडला मध्यप्रदेश में संभवतया यह पहला प्रकरण है जब घुघरी तहसील में पदस्थ 68 पटवारियों के बीच 60 पटवारियों को एक साथ दो दिन का वेतन काटने का आदेश एसडीएम के अनुमोदन पश्चात तहसीलदार ने जारी किया है।जिसका पुरजोर विरोध जिला पटवारी संघ ने तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपकर किया है।संघ ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि यह हिटलरशाही फरमान वापिस नहीं लिया गया तो संगठन जिला स्तर पर हड़ताल करने के लिए विवश हो जाएगा।जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। तहसीलदार को सौपे ज्ञापन में कहा गया है कि बिना पटवारियों को नोटिस दिए बिना उनका पक्ष सुने ही अफसरों ने यह तुगलकी फरमान जारी किया है।संघ ने कहा है कि राजस्व अभियान 2 के क्रियान्वयन में पूरे मंडला जिले में घुघरी प्रथम स्थान पर रहा है। इसी तरह नामांतरण और बंटवारे में भी घुघरी ने जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। घुघरी के अधिकारी कैसे इन तथ्यों को भूल गये। राजस्व अभियान 3 के समय भीषण ठंड के बीच कड़कड़ाती ठंड में रात्रि के समय पटवारियों को काम पर लगा दिया गया। परिणामस्वरूप अनेक पटवारी अस्वस्थ भी हुए। स्थानीय और जिला स्तर के अधिकारियों की अनदेखी के कारण पटवारी समुदाय आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा।5 पटवारियों के प्रशिक्षु समय व्यतीत होने के बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया गया। पटवारियों के वेतन फिक्सेसंग में भी अधिकारियों ने रुचि नहीं ली है जिससे आर्थिक परेशानियां खड़ी हो रही है। मंडला जिले के इतिहास में भी संभवतया यह पहला अवसर है कि जब एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ हाय हाय के नारे लगे।